उत्तराखंड

Covid-19 Vaccination: अक्टूबर अंत तक सबको लग सकती है वैक्सीन की पहली डोज, कई राज्यों में सितंबर अंत तक

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नई दिल्ली. केंद्र सरकार को उम्मीद है कि कोरोना वायरस टीकाकरण (Coronavirus Vaccination) अभियान में अक्टूबर के अंत तक वैक्सीन की पहली खुराक देने का काम पूरा कर लिया जाएगा और दर्जनों राज्य इस उपलब्धि को सितंबर के अंत तक हासिल कर लेंगे. न्यूज18 को अधिकारियों ने बताया कि ये काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि एक्सपर्ट्स का मानना है कि त्यौहारी सीजन (Festive Season) के बाद देश में कोरोना की तीसरी लहर शुरू हो सकती है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ वैक्सीन (Covid-19 Vaccination) को सबसे बेहतर प्रोटेक्शन करार दिया है. बता दें कि देश में 94 करोड़ एडल्ट्स ऐसे हैं, जिन्हें वैक्सीन का टीका लगना है, और अभी तक वैक्सीन (Covid-19 Vaccine) की 49 करोड़ डोज लोगों की दी गई है. केंद्र सरकार ने साल के अंत तक सभी लोगों को वैक्सीन की दोनों खुराक देने का लक्ष्य रखा है.

मध्य प्रदेश और केरल ने घोषणा की है कि वे सितंबर के अंत तक अपने यहां सभी एडल्ट्स को वैक्सीन की पहली खुराक लगा देंगे. वहीं हिमाचल प्रदेश ने ऐलान किया है कि उसने अपने यहां सभी एडल्ट्स को वैक्सीन की पहली डोज लगा दी है. वहीं सितंबर अंत तक वैक्सीन की पहली डोज का टारगेट जो अन्य राज्य हासिल कर सकते हैं, उनमें उत्तराखंड, गुजरात, राजस्थान, दिल्ली, कर्नाटक और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के साथ चंडीगढ़ भी शामिल हैं. वहीं त्रिपुरा, मिजोरम और सिक्किम भी सितंबर के आखिर तक अपने लोगों को वैक्सीन की पहली खुराक लगाने का लक्ष्य हासिल कर सकते हैं.

उपर्युक्त राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 60 फीसदी से ज्यादा योग्य आबादी को वैक्सीन का पहला टीका लग गया है. उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और तमिलनाडु जैसे राज्यों में टीकाकरण कवरेज कम है, और वैक्सीन की पहली डोज का टारगेट हासिल करने में इन राज्यों को अक्टूबर या उससे भी आगे का समय लग सकता है. सरकार को उम्मीद है कि अगले दो महीनों में निर्माता कंपनियों से उसे वैक्सीन की 50 करोड़ डोज मिल सकती है और देश में टीकाकरण अभियान के तहत 70 फीसदी लोगों को वैक्सीन की पहली खुराक दी जा रही है. कोविशील्ड वैक्सीन के लिए 3 महीने के अंतर को देखें तो 18 से 44 आयु वर्ग की आबादी में ज्यादातर लोगों को वैक्सीन की पहली खुराक दी जा रही है.

वहीं नवंबर और दिसंबर महीने में टीकाकरण के दौरान ज्यादातर लोगों को वैक्सीन की दूसरी खुराक दी जाएगी, केंद्र सरकार लगातारइस बात पर जोर दे रही है कि टीकाकरण में वैक्सीन की दूसरी डोज प्राथमिकता के आधार पर लगाई जाए.

क्या सौ फीसदी डबल वैक्सीनेशन संभव है?
केंद्र सरकार को जहां उम्मीद है कि वह साल के अंत तक 94 करोड़ लोगों का पूर्ण टीकाकरण करने में सफलता हासिल कर लेगी, वहीं ये सवाल भी पूछा जा रहा है कि क्या ये संभव है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस बारे में कहा कि 188 करोड़ डोज 94 करोड़ एडल्ट्स के टीकाकरण के लिए पर्याप्त है, जिसे दिसंबर के अंत तक उपलब्ध करा दिया जाएगा.

हालांकि अधिकारी ने कहा कि दिसंबर के अंत तक 100 फीसदी टीकाकरण के लक्ष्य को पाना कई कारकों पर निर्भर करता है, क्योंकि कोविड टीकाकरण स्वैच्छिक है, अनिवार्य नहीं है. उन्होंने कहा, ‘हो सकता है कि देश की 80 फीसदी योग्य आबादी का दिसंबर तक पूर्ण टीकाकरण हो जाए और बाकी 10 फीसदी आबादी खासतौर पर ग्रामीण इलाकों में वैक्सीन लगवाने में हिचक के चलते टीकाकरण ना करवाए, क्योंकि पहले से ही 45 से ज्यादा आयु वर्ग वाली आबादी के एक हिस्से ने हिचक के चलते वैक्सीन की पहली डोज भी नहीं ली है, जबकि इन लोगों के लिए टीकाकरण अभियान को अप्रैल में ही खोल दिया गया था और वैक्सीन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है.’

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एक अन्य अधिकारी ने कहा कि अक्टूबर के अंत तक तस्वीर साफ हो जाएगी, क्योंकि पहली डोज की डिमांड अपनी मांग के उच्चतम स्तर को छू लेगी. उन्होंने कहा कि जिन राज्यों में वैक्सीन की पहली डोज बड़ी संख्या में दी गई है, वहां मुश्किल से ही पहली डोज लगवाने लोग सामने आ रहे हैं, ऐसे में राज्य सरकारें मतदाता सूची की मदद ले रही हैं और ग्रामीण इलाकों में विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं, ताकि लोग टीकाकरण के लिए सामने आएं.

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