उत्तराखंड

सुकमा गोलीबारी की घटना के बाद CRPF अलर्ट, अब ‘चौपाल’ करेगी जवानों के अवसाद का इलाज

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(अंकुर शर्मा)

नई दिल्ली. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के सुकमा में सोमवार को CRPF में हुई घटना के बाद एक बार फिर जवानों के मानसिक स्वास्थ्य का मुद्दा गहरा गया है. इससे परेशानी से निपटने के लिए CRPF ने गांव की शैली पर ‘चौपाल’ आयोजित करने का फैसला किया है. खबर है कि इसके तहत वरिष्ठ अधिकारी जवानों के साथ अनौपचारिक रूप से बातचीत करेंगे. सुरक्षा में तैनात जवानों के आत्महत्या करने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं.

बीते महीने आधिकारिक संदेश में CRPF DG कुलदीप सिंह ने बलों से गांव की तरह बैठक आयोजित करने के लिए कहा है. संचार में कहा गया है, ‘बल में आत्महत्या के मामले बढ़ने के मद्देनजर की गई विस्तार से चर्चा के बाद ‘चौपाल’ शुरू करने का फैसला लिया गया है. आमतौर पर शोधों में यह पाया गया है कि कोई व्यक्ति खुदकुशी के बारे में तब सोचता है, जब वह अपनी बात किसी और को नहीं कह पाता. अगर व्यक्ति को खुद को अभिव्यक्त करने का मंच मिले, तो एक स्तर तक इसे रोका जा सकता है.’

क्या है ताजा मामला
सोमवार को CRPF कॉन्स्टेबल रीतेश रंजन ने छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में स्थित लिंगलपल्ली में साथी जवानों पर गोलियां चला दी. इस घटना में चार की मौत हो गई और तीन घायल हो गए. प्रेस विज्ञप्ति में CRPF ने कहा है कि ऐसा लग रहा है कि हथियार के साथ पकड़ा गया रंजन ‘भावनात्मक तनाव से’ गुजर रहा था, जो ‘अचानक मनोवैज्ञानिक असंतुलन का कारण बना.’ वहीं, जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में CRPF की 185वीं बटालियन के साथ तैनात सैनिक के खुदकुशी करने की खबर है.

यह भी पढ़ें: सुकमा में सीआरपीएफ जवान ने साथियों पर बरसाई गोलियां, 4 की मौत, CM ने जताया शोक

क्या कहते हैं आंकड़े
2020 से लेकर इस साल 13 सितंबर तक CRPF में आत्महत्या के 101 मामले दर्ज किए गए. यह संख्या 2017, 2018, 2019 के मिलाकर 116 मामलों की तुलना में चौंकाने वाली हैं. 2020 में CRPF में आत्महत्या के 60 मामले मिले. जबकि, इस साल 41 ने खुदकुशी की. 2018 और 2019 में यह आंकड़ा क्रमश: 36 और 42 था.

आधिकारिक पत्र के अनुसार, ‘चौपाल’ पहल के तहत सभी यूनिट के वरिष्ठ अधिकारी जूनियर्स के साथ बातचीत करेंगे. बातचीत हो सके इसलिए इन समूहों को छोटा रखा जाएगा. साथ ही इन चौपाल का आयोजन हॉल के बजाए खुले में किया जाएगा. आगे कहा गया है कि चौपाल 1-2 घंटे लंबी होंगी और एक समूह में 18-20 जवान शामिल होंगे. बैठक के दौरान जवानों के निजी जीवन पर प्राथमिक रूप से चर्चा की जाएगी. CRPF पत्र में कहा गया है, ‘चौपाल का आयोजन गोलाकार में किया जाना चाहिए, जहां लोग एक-दूसरे से बात कर सकें और गोपनीयता बनाई रखी जानी चाहिए.’

उन जवानों पर खास ध्यान देने की बात कही गई है, जो परेशान हैं या शांत रहने वाले हैं. एक अन्य पत्र में CRPF ने कहा है कि बटालियन कमांडर्स को उन जवानों की पहचान करनी चाहिए, जो अलग-अलग कारणों के चलते अवसाद में हैं. पत्र में कहा गया है, ‘एक बार किसी व्यक्ति में असामान्य व्यवहार देखने, उसका आंकलन करने और उसकी पुष्टि करने के बाद ऐसे जवान की बगैर गोला-बारूद की तैनाती को लेकर प्रशासनिक निर्णय लेने की जरूरत है.’

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