1960 के बाद से दूसरी बार मानसून की वापसी में देरी, लगातार तीसरे साल देश में सामान्य से अधिक बारिश
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नई दिल्ली. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा है कि उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों से दक्षिण-पश्चिमी मानसून की वापसी की शुरुआत के लिए बुधवार से परिस्थितियां अनुकूल हैं. आईएमडी के राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र के वरिष्ठ अधिकारी आर के जेनामणि के अनुसार, 1960 के बाद से दक्षिण-पश्चिमी मानसून की दूसरी सबसे देरी से वापसी है.
2019 में, उत्तर-पश्चिम भारत से मानसून की वापसी नौ अक्टूबर को शुरू हुई थी. उत्तर-पश्चिम भारत से दक्षिण-पश्चिमी मानसून की वापसी आमतौर पर 17 सितंबर से शुरू हो जाती है. आईएमडी ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि अगले 24 घंटों के दौरान उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों से दक्षिण-पश्चिमी मानसून की वापसी के लिए स्थितियां अनुकूल बनी हुई हैं.
जून से सितंबर तक चार महीने के दौरान दक्षिण-पश्चिमी मानसून के मौसम में देश में ’सामान्य’ वर्षा हुई. एक जून से 30 सितंबर तक अखिल भारतीय मानसूनी वर्षा 87 सेमी रही, जबकि 1961-2010 के दौरान लंबी अवधि का औसत (एलपीए) 88 सेमी है.
यह लगातार तीसरा साल है जब देश में सामान्य या सामान्य से अधिक वर्षा दर्ज की गई. 2019 और 2020 में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गयी थी. दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून दो दिन की देरी से तीन जून को केरल पहुंचा था.
(Disclaimer: यह खबर सीधे सिंडीकेट फीड से पब्लिश हुई है. इसे News18Hindi टीम ने संपादित नहीं किया है.)
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