उत्तराखंड

Delhi: बांग्लादेश मार्का Cancer की नकली दवा बनाने वाले रैकेट का भंडाफोड़, 4 आरोपी गिरफ्तार

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नई दिल्ली. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच (Delhi Police Crime Branch) ने कैंसर की नकली दवाइयों को बेचने वाले एक रैकेट का भंडाफोड़ कर 4 लोगों को गिरफ्तार किया है. कैंसर की नकली दवाइयों  (Fake Medicine of Cancer) पर बांग्लादेश का लेबल (Bangladesh Label) लगाकर भारत मे बेचा जा रहा था, ताकि मरीजों को दवाइयां बांग्लादेश मेड लगें. इस रैकेट में वकील और फार्मासिस्ट के साथ कई लोग भी शामिल हैं. जिनके पास पैन इंडिया डीलिंग है, जो हरियाणा के फरीदाबाद और करनाल में नकली कैंसर की दवाइयों की यूनिट का नेटवर्क चला रहे थे. इनके पास से 141 पैकेट palbocent 125 mg, lenvanix10, osicent 80 mg, crizocent 250 mg, ibrucent 140 के साथ कार्टून बरामद हुए हैं.

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की डीसीपी मोनिका भारद्वाज ने अपनी टीम के तेजतर्रार इंस्पेक्टर पंकज अरोड़ा को इस रैकेट के इनपुट मिलने के बाद तहकीकात में लगाया. पुलिस की जांच में कई खुलासे होने शुरू हो गए. यह गैंग बांग्लादेश से कैंसर की नकली दवाओं को भारत में लाकर कैंसर मरीजों को उपलब्ध करा रहे थे. क्राइम ब्रांच को इनपुट मिला कि 4 लोग दिल्ली के जसोला इलाके में कैंसर की नकली दवाओं के साथ पहुंचने वाले हैं. जिसके बात छापेमारी करने वाली टीम ने जसोला के पास एक मॉल के सामने जाल बिछाया. तभी एक स्कूटी में सवार दो युवक आए उनके पास कार्टून भी थे.

पुलिस ने जाल बिछाकर आरोपियों को दबोचा 

एक शख्स, जो उस समय वहीं पैदल चल रहा था, लाल रंग के कपड़े का थैला लेकर स्कूटी सवार युवकों के पास आया. इन तीनों की पहचान होते ही पुलिस ने इन्हें मौके से गिरफ्तार कर लिया. आरोपियों के नाम सद्दाम हुसैन, सोनू चौधरी, अफसर अंसारी हैं. तीनों दिल्ली के रहने वाले हैं. इनसे पूछताछ के बाद चौथे आरोपी अमित दुआ को गिरफ्तार किया गया. जिसके पास करनाल से मशीनें बरामद हुई हैं. जहां नकली दवाइयों को तैयार किया जाता था. पुलिस जांच में सामने आया कि भारत की कैंसर की दवाइयों के मुकाबले बांग्लादेश की कैंसर दवाइयां सस्ती होती हैं.

कैंसर की नकली दवाएं बनीं कमाई का जरिया 

बांग्लादेश की दवाएं सस्ती होने की जानकारी को आधार बनाकर आरोपियों ने नकली और मिलावटी बांग्लादेश मार्का दवाई बनानी शुरू करके सप्लाई करनी शुरू की. उन्होंने अपना एक ग्रुप बनाया जो जरूरतमंद लोगों को ही तलाश करता था, ताकि उन्हें इन कैंसर की नकली दवाइयों को सौंपकर मोटी रकम कमाई जा सके. इनके पास दवाइयों को बनाने का लाइसेंस नहीं था, क्राइम ब्रांच ने IPC की अलग-अलग धाराओं में तहत FIR दर्ज की है. साथ ही ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट 18/27 भी दर्ज कर इन्हें गिरफ्तार किया गया है. जबकि इस रैकेट का कई दूसरे लोगों की तलाश में छापेमारी जारी है.

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