यूट्यूब चैनलों को बंद करने के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र और गूगल को दिया नोटिस, जानें पूरा मामला
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नई दिल्ली. यूट्यूब पर अपना चैनल चलाने वाले व्यक्ति की ओर से चैनलों को स्थायी तौर पर खत्म करने और सामग्री को हटाने को चुनौती देने वाली याचिका पर संज्ञान लेते हुए दिल्ली हाई कोर्ट (DELHI HIGH COURT) ने मंगलवार को केंद्र सरकार और गूगल को नोटिस जारी किया है. यूट्यूबर रचित कौशिक ने यह याचिका दायर की है. इसमें वीडियो को हटाने और गूगल की ओर से अकाउंट को स्थायी तौर पर खत्म करने को चुनौती दी है. हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति वी कामेश्वर राव ने नोटिस जारी करते हुए प्रतिवादियों से तीन हफ्ते में जवाब देने को कहा है. इस मामले की अगली सुनवाई 30 मार्च को होगी.
याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता यूट्यूब पर दो चैनल ‘सबलोकतंत्र’ और ‘ट्रूथ एंड डेयर’ नाम दो चैनल का संचालन करता है और इसके दस लाख से अधिक सब्सक्राइबर थे. इन चैनलों को अवैध, मनमानी और पक्षपातपूर्ण ढंग से स्थायी रूप से खत्म कर दिया है. यह कार्रवाई बिना आधार और बिना कारण बताए की गई है. इसके लिए सुनवाई का कोई अवसर तक नहीं दिया गया है. इस याचिका को एडवोकेट राघव नारायण और पल्लवी दुबे के माध्यम से दाखिल कराया गया था.
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याचिका में गूगल की कार्रवाई पर भी सवाल उठाए गए हैं, इस कार्रवाई को नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत के खिलाफ बताया गया है. वीडियो को हटाने और उसके बाद अपील करने की पूरी प्रक्रिया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित है, जिसमें मानव का हस्तक्षेप नहीं है. वकील नरेंद्र हुड्डा ने बेंच के सामने कहा कि केंद्र सरकार के आईटी नियम 2021 के प्रावधान के तहत गूगल की कार्रवाई भी अधूरी है. याचिकाकर्ता, भारत के संविधान के तहत भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अपने मौलिक अधिकार का प्रयोग कर रहा था. उन्होंने कहा कि भारत सरकार, अपने नागरिकों के अधिकारों की संरक्षक है और वह अधिकारों को लागू करने और प्रतिवादी कंपनी के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है.
इधर, गूगल की वकील एडवोकेट ममता झा ने साफ कहा कि यूजर्स के लिए कम्युनिटी गाइडलाइंस हैं, याचिकाकर्ता इनका पालन नहीं कर रहा था. शाहीन बाग और अभद्र भाषा सहित आपत्तिजनक सामग्री दिखाने के कारण उसे पहले चेतावनी दी गई थी. चेतावनी के बावजूद उसने ऐसा करना नहीं रोका, बल्कि एक और चैनल शुरू कर दिया था. इधर याचिकाकर्ता ने कोर्ट से आईटी नियम 2021 के विभिन्न प्रावधानों का पालन नहीं करने के लिए सरकार को गूगल के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश देने का अनुरोध किया है.
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