उत्तराखंड

क्या चिराग पासवान ने पशुपति पारस को बिहार की जमीनी हकीकत से रूबरू करा दिया?

[ad_1]

नई दिल्ली. लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) में चाचा-भतीजा के बीच शुरू हुई लड़ाई लुटियंस दिल्ली से होते हुए अब बिहार के हाजीपुर तक पहुंच गई है. चाचा पशुपति पारस (Pashupati Paras) और भतीजा चिराग पासवान (Chirag Paswan) में जनाधार बचाने को लेकर जो संघर्ष चल रहा है वह काफी लंबा चलने वाला है. बिहार की सड़कों पर दोनों गुट अपना दम दिखाने में पूरी ताकत झोंक दी है. एक तरफ चिराग पासवान बीते एक महीने से बिहार में आशीर्वाद यात्रा (Ashirwad Yatra) निकाल रहे हैं तो दूसरी तरफ पशुपति पारस मोदी मंत्रिमंडल में शामिल होने के बाद पहली बार बिहार की यात्रा पर हैं. बीते दो दिनों से पशुपति पारस अपने संसदीय क्षेत्र हाजीपुर में आभार यात्रा (Abhaar Yatra) के जरिए लोगों का आभार व्यक्त कर रहे हैं. इस दौरान पारस को अपनी जमीनी हकीकत का भी पता चल रहा है. चिराग पासवान के समर्थकों के द्वारा जमकर बवाल काटा जा रहा है. चिराग समर्थकों पारस को काला झंडा ही नहीं दिखाया नारेबाजी कर गाड़ियों पर लगे झंडे और बैनर को फाड़ डाला.

जनाधार बचाने की लड़ाई अब हाजीपुर में
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पिछले एक महीने से चिराग पासवान ने बिहार में पारस के खिलाफ जो मैदान तैयार किया था, उसका ही नतीजा है कि अब पारस का विरोध शुरू हो गया है. अब पारस को बिहार में अपनी जमीनी हकीकत का अंदाजा होने लगा है. अभी तक वह रामविलास पासवान के छत्रछाया में राजनीति चमका रहे थे, पहली बार उनको रामविलास पासवान के संसदीय क्षेत्र में लोगों ने जमीनी हकीकत से परिचय करवाया है.

Chirag Paswan, Pashupati Paras, Pashupati Kumar Paras, Cabinet minister, Ram Vilas Paswan, lok janshakti party, ljp, bihar news, bihar political news, चिराग पासवान, रामविलास पासवान, पशुपति पारस, पशुपति कुमार पारस, प्रिंस राज, रामचंद्र पासवन, पासवान की वसीयत, पासवान की विरासत को कौन संभालेगा, Chirag Paswan vs Pashupati Paras ground reality of hajipur ljp ram vilas paswan legacy politics nitish kumar nodrss

बीते दो दिनों से पशुपति पारस अपने संसदीय क्षेत्र हाजीपुर में आभार यात्रा के जरिए लोगों का आभार व्यक्त कर रहे हैं.

रामविलास पासवान की कर्मभूमि रही है हाजीपुर
वहीं, पारस ने सोमवार को पत्रकारों के एक सवाल पर कहा, ‘भतीजा ने मुझे छोड़ा है, हमने नहीं.’ शायद पारस को इस बात का अंदाजा है कि चिराग पासवान की वजह से ही कार्यकर्ताओं ने उनका विरोध करना शुरू कर दिया है. इसलिए पशुपति पारस भी अब खुलकर बैटिंग कर रहे हैं. पारस को अब बिहार में नीतीश के साथ और बीजेपी का आशीर्वाद के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं दिख रहा है. इसलिए पारस भी अब खुल कर नीतीश कुमार की तरफदारी करने में लग गए हैं. पारस ने एक घटना का जिक्र करते हुए कहा, ‘हमने जब नीतीश कुमार को विकास पुरुष कहा तो चिराग ने मुझे बुलाकर बोला कि आपने नीतीश कुमार के लिए इन शब्दों का इस्तेमाल क्यों किया? मैं आपको पार्टी से निकाल दूंगा. आपके खून और मेरे खून में अंतर है.

पारस का हो रहा है विरोध
पशुपति के मुताबिक चिराग की मां रीना पासवान समेत कई लोग इस दौरान मौजूद थे. पारस इतने पर ही नहीं रुके उन्होंने आगे कहा कि पिछले बिहार विधानसभा चुनाव में मुझे बुलाकर कहा कि हमें नीतीश कुमार को जेल भेजना है. मैंने विरोध करते हुए कहा कि तुम्हारे पास क्या है कि तुम उन्हें जेल भेज दोगे. पारस लगातार बोल रहे हैं कि पार्टी के सभी सांसद की राय थी कि एनडीए के साथ मिलकर चुनाव लड़ा जाए, लेकिन उसने किसी की नहीं सुनी.

Chirag Paswan, Pashupati Paras, Pashupati Kumar Paras, Cabinet minister, Ram Vilas Paswan, lok janshakti party, ljp, bihar news, bihar political news, चिराग पासवान, रामविलास पासवान, पशुपति पारस, पशुपति कुमार पारस, प्रिंस राज, रामचंद्र पासवन, पासवान की वसीयत, पासवान की विरासत को कौन संभालेगा, Chirag Paswan vs Pashupati Paras ground reality of hajipur ljp ram vilas paswan legacy politics nitish kumar nodrss

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सीधी दुश्मनी चिराग पासवान को काफी महंगी पड़ी.

क्या कहते हैं राजनीतिक जानकार
बिहार को करीब से जानने वाले पत्रकार सुनील पांडेय कहते हैं, ‘चिराग पासवान के पास अब सिर्फ संघर्ष ही एक मात्र रास्ता बचा है. क्योंकि, बीते कुछ सालों में उन्होंने दोस्त से ज्यादा दुश्मन बनाए हैं. हालांकि, उनकी राजनीतिक सोच अलग है लेकिन रामविलास पासवान वाली संघर्ष का जज्बा उनमें है कि नहीं यह आने वाले वर्षों में ही पता चलेगा. इसमें कोई दो राय नहीं कि नीतीश कुमार बिहार में उनके लिए राह इतना आसान नहीं करने वाले हैं. सबसे अहम बात यह है कि चिराग की लड़ाई किसी और से नहीं बल्कि अपने घर के लोगों से ही है. चिराग को घर और बाहर दोनों मेहनत करनी होगी. रामविलास पासवान ने कभी भी अपने परिवार और दोनों भाइयों को अपने से अलग करके नहीं देखा. लेकिन, चिराग को परिवार के किसी भी सदस्य का सपोर्ट नहीं है, जो उनके लिए सबसे बड़ी परेशानी का कारण है.’

ये भी पढ़ें: WhatsApp से अब घर बैठे बुक कराएं कोरोना वैक्सीन का स्लॉट, जानें पूरा तरीका

कुल मिलाकर बिहार में अगले कुछ दिनों तक एलजेपी के दो धरों के बीच घमासान सड़क पर देखने को मिलेगा. बिहार में पासवान वोटर्स को साधने के लिए चाचा-भतीजे में जंग इतना जल्दी खत्म नहीं होने वाला है. बिहार में 4 से 5 फीसदी वोटर पासवान जाति से आते हैं.

पढ़ें Hindi News ऑनलाइन और देखें Live TV News18 हिंदी की वेबसाइट पर. जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश, बॉलीवुड, खेल जगत, बिज़नेस से जुड़ी News in Hindi.

[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *