उत्तराखंड

डेल्टा वेरिएंट से बचने को न दें वैक्सीन की बूस्टर डोज, आखिर WHO ने ऐसा क्यों कहा जानें

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जिनेवा. विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) के प्रमुख ने कोविड-19 टीकों (Covid-19 Vaccine) की बूस्टर खुराक दिए जाने को स्थगित करने का आह्वान किया. संगठन ऐसा इसलिए कहा जिससे उन देशों में लोगों को टीके की पहली खुराक दी जा सके जहां कम लोगों को अब तक टीके लगे हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक टेड्रोस अधोनम गेब्रेयेसस ने यह अपील अधिकतर अमीर राष्ट्रों से कि जो टीकाकरण की संख्या के लिहाज से विकासशील देशों से काफी आगे हैं. ग्रेबेयेसस ने कहा कि ऐसे देश कम से कम सितंबर के आखिर तक बूस्टर डोज दिए जाने से बचें

डब्ल्यूएचओ अधिकारियों ने कहा कि विज्ञान में अभी यह बात साबित नहीं हुई है कि टीके की दो खुराक ले चुके लोगों को बूस्टर खुराक देना कोरोनावायरस संक्रमण का प्रसार रोकने में प्रभावी होगा. डब्ल्यूएचओ ने बार-बार अमीर देशों का आह्वान किया है कि वे विकासशील देशों तक टीकों की पहुंच में सुधार के लिये और कदम उठाएं. टेड्रोस ने डब्ल्यूएचओ द्वारा इस साल पूर्व में निर्धारित लक्ष्य को इंगित किया जिसके तहत यह सुनिश्चित किया जाना था कि देशों में कुल आबादी के 10 प्रतिशत को कोरोनावायरस रोधी टीका लग चुका हो.

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उन्होंने बुधवार को कहा, “इसी के अनुरूप, डब्ल्यूएचओ तब तक बूस्टर खुराक दिए जाने पर रोक का आह्वान कर रहा है जब तक सितंबर के अंत तक हर देश में कम से कम 10 प्रतिशत आबादी को टीका न लग जाए.”

टेड्रोस ने कहा, “मैं अपने लोगों को डेल्टा संस्करण से बचाने के लिए सभी सरकारों की चिंता को समझता हूं. लेकिन हम ये स्वीकार नहीं कर सकते कुछ देश पहले से ही वैक्सीन की वैश्विक आपूर्ति का अधिक उपयोग कर लें.”

कम आय वाले देशों में नहीं पहुंच रही वैक्सीन
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि ज्यादा आय वाले देशों ने मई में प्रत्येक 100 लोगों में लगभग 50 डोज दिए हैं और जबकि नंबर इसका दोगुना है. वहीं कम आय वाले देशों में आपूर्ति की कमी के चलते यह अनुपात 100 लोगों पर सिर्फ 1.5 खुराक ही हैं.

टेड्रोस ने कहा, “हमें ज्यादा आय वाले देशों में जाने वाले अधिकांश टीकों से लेकर कम आय वाले देशों में जाने वाले अधिकांश टीकों को तत्काल उलटने की जरूरत है.”

कई देशों ने बूस्टर डोज की जरूरत को लेकर भी गिनती शुरू कर दी है.

जर्मनी ने सोमवार को कहा कि वह सितंबर से संक्रमण की चपेट में आसानी से आ जाने वाले बूस्टर शॉट दिए जाने का विकल्प देगा. वहीं संयुक्त अरब अमीरात ने भी लोगों को बूस्टर डोज देने का विकल्प दिया है. ये डोज दूसरी वैक्सीन डोज के तीन महीने बाद और अन्य की छह महीने बाद देने का फैसला लिया गया है.

पिछले सप्ताह इजरायली राष्ट्रपति इसाक हरज़ोग ने वैक्सीन का तीसरा डोज लिया था.

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