धार्मिक सभाओं की इजाजत देने से केरल में बढ़े कोविड-19 के मामले, सरकारी पैनल के निदेशक ने कहा
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नई दिल्ली. केरल के लिए पिछले कुछ हफ्तों से चीजें बहुत अच्छी नहीं चल रही हैं. महामारी की दूसरी लहर के दौरान कोविड-19 का मुकाबला करने के लिए अपनी प्रभावी रणनीतियों की वजह से तारीफें बटोरने वाले राज्य में अब कोरोना के मामले फिर से बढ़ रहे हैं. भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) द्वारा 14 जून से 6 जुलाई के बीच किए गए एक सीरोसर्वे में इस बात की ओर इशारा किया गया है कि केरल में सबसे कम 44.4 प्रतिशत कोविड एंटीबॉडी है.
अब सरकार की जीनोम अनुक्रमण निगरानी एजेंसी INSACOG (इंडियन SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम) के निदेशकों में से एक, अनुराग अग्रवाल ने कहा है कि अगर केरल ने धार्मिक समारोहों को फिर से शुरू नहीं किया होता, तो कोरोना मामलों को बढ़ने से रोका जा सकता था. इंडिया टुडे टीवी से बात करते हुए, अग्रवाल ने कहा कि धार्मिक समारोहों की अनुमति देना एक बुरा विचार था. उन्होंने कहा, ‘अगर केरल में धार्मिक समारोहों के लिए छूट नहीं दी गई होती, तो प्रतिदिन 13,000 आने वाले मामले 20,000 तक नहीं पहुंचते.’
उन्होंने कहा कि महामारी के उतार-चढ़ाव के मामले में केरल उत्तर भारत की तुलना में पीछे था और राज्य में संक्रमण बढ़ता रहेगा. केरल के दक्षिणी इलाकों में कोरोना संक्रमण में लगातार वृद्धि ने राज्य की स्वास्थ्य प्रणाली के लिए एक बड़ी चुनौती पेश कर दी है और सरकार को भी विपक्षी हमलों का सामना करना पड़ रहा है.
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