Eastern Ladakh LAC Tension: भारत और चीन मुद्दों को जल्द सुलझाने के लिए राजी, जारी रहेगी बातचीत
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नई दिल्ली. भारत और चीन ने मौजूदा समझौतों और प्रोटोकॉल के मुताबिक पूर्वी लद्दाख के शेष मुद्दों को शीघ्रता से हल करने एवं बातचीत की गति को बनाए रखने पर अपनी सहमति जताई है. दोनों देशों के बीच पूर्वी लद्दाख के गतिरोध वाले बिंदुओं से सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया की दिशा में आगे बढ़ने के उद्देश्य से बीते 31 जुलाई को हुई 12वें दौर की सैन्य वार्ता के दो दिन बाद सोमवार को यह संयुक्त बयान जारी किया गया है.
दोनों पक्ष अंतरिम तौर पर इस बात के लिए भी सहमत हुए कि वे पश्चिमी क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए अपने प्रभावी प्रयास जारी रखेंगे और संयुक्त रूप से शांति बनाए रखेंगे. बैठक के दौरान भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी के साथ-साथ गतिरोध वाले स्थानों से सेना की वापसी से संबंधित शेष क्षेत्रों के समाधान पर दोनों पक्षों ने खुलकर बात की और एक-दूसरे के विचारों को साझा किया. दोनों देशों ने 12वें दौर की बैठक को रचनात्मक बताया और कहा कि इससे आपसी समझ को और बढ़ाने में मदद मिली है.
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कोर कमांडर स्तर की 12वें दौर की बातचीत पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन की तरफ मोल्डो सीमा बिंदु पर शनिवार सुबह साढ़े 10 बजे शुरू होकर शाम 7.30 बजे खत्म हुई थी. करीब 9 घंटे तक चली इस बैठक का मकसद 14 महीनों से ज्यादा समय से इस क्षेत्र में जारी गतिरोध को खत्म करना था. बैठक के दौरान भारत ने हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और देप्सांग में सैनिकों की वापसी पर जोर दिया. इससे पहले 11वें दौर की सैन्य वार्ता नौ अप्रैल को एलएसी पर भारत की ओर चुशुल सीमा बिंदु पर हुई थी और यह बातचीत करीब 13 घंटे तक चली थी.
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पिछले दौर की सैन्य वार्ता में दोनों पक्षों ने हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और देप्सांग में सैनिकों की वापसी की दिशा में आगे बढ़ने के रास्तों पर चर्चा की थी जिसका व्यापक उद्देश्य क्षेत्र में तनाव को कम करना था. हालांकि सैनिकों की वापसी की दिशा में कोई और प्रगति नहीं हुई. हालांकि, दोनों पक्षों ने सिलसिलेवार सैन्य एवं कूटनीतिक वार्ता के बाद पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिणी किनारों से सैनिकों और हथियारों को हटाने की प्रक्रिया फरवरी में पूरी कर ली है.
भारत इस बात पर जोर देता आ रहा है कि दोनों देशों के बीच संपूर्ण संबंधों के लिए देपसांग, हॉट स्प्रिंग्स और गोगरा में सैनिकों को हटाने सहित अन्य लंबित मुद्दों का समाधान आवश्यक है. पिछले साल मई के बाद से ही पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले कई स्थानों पर दोनों देशों के बीच सैन्य गतिरोध बना हुआ है. दोनों देशों के इस समय एलएसी पर संवेदनशील क्षेत्र में 50,000 से 60,000 सैनिक हैं.
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