ईडी ने जवाब का मौका दिए बिना गिरफ्तार किया, महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री के पूर्व निजी सचिव ने कोर्ट में कहा
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मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) के तत्कालीन निजी सचिव संजीव पलांडे (Sanjeev Palande) ने सोमवार को अपने वकील के माध्यम से विशेष अदालत को बताया कि प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें जारी किए गए नोटिस का जवाब देने की अनुमति दिए बिना ही धन शोधन मामले में गिरफ्तार किया था.
अतिरिक्त कलेक्टर रैंक के अधिकारी पलांडे को प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) ने 26 जून को देशमुख से जुड़े धन शोधन मामले में गिरफ्तार किया था. पलांडे अभी न्यायिक हिरासत में है. उन्होंने हाल में जमानत के लिए एक अर्जी दाखिल की है.
पलांडे की तरफ से पेश वकील शेखर जगताप ने सोमवार को अदालत से कहा कि पलांडे को उसी दिन हिरासत में लिया गया था जिस दिन उनके घर पर छापा मारा गया था. जगताप ने दलील दी कि ईडी ने पलांडे को जारी किए गए नोटिस का जवाब देने की अनुमति दिए बिना गिरफ्तार कर लिया.
धारा 41 ए के तहत नोटिस जारी किया गया
उन्होंने कहा कि ईडी ने देशमुख के घर और कार्यालयों में कार्रवाई के दिन ही पलांडे के आवास पर छापा मारा था. जगताप ने कहा, ‘‘पलांडे और देशमुख दोनों को दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 41 ए के तहत नोटिस जारी किया गया, लेकिन पलांडे को नोटिस का जवाब देने का मौका नहीं दिया गया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.’’
मामले में गिरफ्तार एक अन्य आरोपी कुंदन शिंदे ने भी जमानत के लिए याचिका दाखिल की है. कुंदन, देशमुख के सहायक (पीए) के रूप में काम कर रहे थे. शिंदे के वकील एजाज खान ने दलील दी कि उनके मुवक्किल को मुंबई पुलिस के बर्खास्त अधिकारी सचिन वाजे द्वारा दिए गए बयान के आधार पर मामले में दोषी ठहराया गया है.
खान ने दलील दी कि वाजे के बयान पर भरोसा नहीं किया जा सकता क्योंकि उसकी वास्तविकता सवालों के घेरे में है. वाजे एक आरोपी हैं और एक अन्य मामले में सलाखों के पीछे हैं. अदालत अब 29 सितंबर को जमानत याचिकाओं पर सुनवाई करेगी.
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