उत्तराखंड

Exclusive: अफ़ग़ान सांसद बोले- सरकार किसी की भी हो, अफ़ग़ानिस्तान के लोग चाहते हैं शांति

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नई दिल्ली. 15 अगस्त की रात जब अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर तालिबान ने (Taliban Captures Kabul) चढ़ाई कर दी थी, उसी रात दिल्ली एयरपोर्ट पर एयर इंडिया के विमान से गनी सरकार के कुछ सांसद, सलाहकार और प्रांतों के गवर्नर दिल्ली सुरक्षित पहुंचे. काबुल एयरपोर्ट पर तालिबान के कब्ज़े से ठीक पहले गनी सरकार के नुमाइंदे और सलाहकार भारत के लिए बचकर निकलने में सफल हुए थे.

अफगानिस्तान के बदले हालात पर न्यूज़ 18 से एक्सक्लूसिव बातचीत में गनी की टीम ने कहा कि अफगानिस्तान में सरकार किसी की भी हो लेकिन अफगानिस्तान के लोग अब शांति चाहते हैं, भ्रष्टाचार मुक्त सरकार चाहते हैं. गनी की टीम ने कहा कि अगर तालिबान ने किसी और को सरकार में शामिल नहीं किया तो उसे अफ़ग़ानिस्तान के लोगों का विरोध झेलना होगा. उन्होंने कहा कि सभी चाहते हैं कि महिलाओं, बच्चों आराम नागरिकों के अधिकारों का सम्मान हो.

अफ़ग़ानिस्तान में समावेशी सरकार बनाने की कोशिश पर पेक्टिया प्रान्त के सांसद सय्यद हसन ने न्यूज़18 से कहा कि एक साझा सरकार जिसमें पिछली सरकारों के नेताओं को भी शामिल किया जाए, वो सभी अफ़ग़ानिस्तान के लोगों के लिए अच्छा होगा. पूर्व राष्ट्रपति हामिद करज़ई, हाई पीस कौंसिल के चेयरमैन डॉ अब्दुल्ला अब्दुल्ला और पूर्व मुजाहिद्दीन गुलबुद्दीन हिकमतयार से तालिबान के नेताओं की बातचीत पर सांसद हसन ने कहा सभी अफगानी लोग एक समावेशी सरकार चाहते हैं जो अफ़ग़ानिस्तान के भविष्य के लिए अच्छा होगा.

उप-राष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह का खुद को राष्ट्रपति पद का हकदार बताने के दावे पर राष्ट्रपति गनी के वरिष्ठ सलाहकार रिज़वान अहमदज़ाई ने न्यूज़18 से कहा कि अभी तक राष्ट्रपति ज़िंदा हैं और UAE में हैं, सालेह के राष्ट्रपति बनने की गुंजाइश नहीं, लेकिन अगर अफ़ग़ानिस्तान के लोग उनका समर्थन करेंगे, तो हम भी करेंगे.

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काबुल के सांसद अब्दुल ख़ालिक़ ने कहा कि भारत और अफ़ग़ानिस्तान के बहुत अच्छे संबंध रहे हैं, और भारत ने पिछले 20 सालों में 3.5 बिलियन डॉलर का निवेश अफ़ग़ानिस्तान में किया. उन्होंने कहा कि काबुल समेत अफ़ग़ानिस्तान के नागरिक भारत आना चाहते हैं, भारत सरकार का धन्यवाद कि अब अफ़ग़ान नागरिकों के लिए e-वीज़ा की शुरुआत की.

वहीं पक्तिकीया प्रान्त के पूर्व गवर्नर मुजीबुर्रहमान समकनी ने कहा कि इस तालिबान का बर्ताव पिछली तालिबान हुकूमत के मुकाबले थोड़ा बेहतर है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने बिगड़े हालात का ठीकरा अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रपति गनी पर फोड़ा था, इसपर पूर्व गवर्नर ने कहा कि गलती गनी की नहीं बल्कि अमेरिका की है और बाइडन को सभी अफ़ग़ान नागरिकों से माफी मांगनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सब यही चाहते हैं कि औरतों, बच्चों और आम लोगों के अधिकारों का सम्मान किया जाना चाहिए.

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