Exclusive: दिलीप घोष का दावा, भबानीपुर में लड़ाई बराबरी की होगी, ममता बनर्जी के खिलाफ पूरी ताकत से उतरेगी बीजेपी
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नई दिल्ली. पश्चिम बंगाल की भबानीपुर सीट एकबार फिर युद्ध का मैदान बनने जा रही है. चुनाव आयोग ने यहां उपचुनाव की घोषणा कर दी है. इस सीट से राज्य की सीएम ममता बनर्जी चुनाव लडेंगी. इधर, बीजेपी ने इस उपचुनाव के लिए कमर कस ली है. राज्य के बीजेपी चीफ दिलीप घोष ने न्यूज 18 से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा है कि उनकी पार्टी ममता के खिलाफ मजबूत उम्मीदवार खड़ा करेगी और मुकाबला बराबरी का होगा. उन्होंने चुनाव आयोग पर एक शख्स के लिए उपचुनाव कराने को लेकर चुनाव आयोग पर निशाना भी साधा. दिलीप घोष के साथ इंटरव्यू के अंश नीचे पढ़ें…
प्रश्न 1- चुनाव आयोग ने भबानीपुर में उपचुनाव की घोषणा कर दी है जहां से सीएम ममता बनर्जी चुनाव लड़ेंगी. क्या आप इस फैसले से खुश हैं?
दिलीप घोष: चुनाव आयोग के इस फैसले की बुनियाद हमारी समझ में नहीं आ रही है. पश्चिम बंगाल में दो विधानसभा क्षेत्र में दो उम्मीदवारों की मौत के बाद चुनाव नहीं हो पाए हैं. 5 विधानसभा सीटें ऐसी हैं जहां विधायकों के इस्तीफे या मौत के कारण चुनाव होने हैं. लेकिन दो सीटों के साथ भबानीपुर सीट पर चुनाव आयोग ने उपचुनाव कराने का ऐलान किया है क्योंकि सीएम भबानीपुर सीट से चुनाव लड़ेंगी. इसलिए 7 में से केवल 3 उपचुनाव की घोषणा की गई है. इस फैसले के पीछे क्या तर्क है, मैं समझ नहीं पा रहा हूं. अगर बंगाल में उपचुनाव कराने के लिए स्थितियां उचित हैं तो सभी 7 सीटों पर उपचुनाव होना चाहिए. सरकार में शामिल दो मंत्रियों को भी इस्तीफा देना पड़ेगा क्योंकि वे विधायक नहीं हैं. उनकी क्या गलती है? या फिर उन विधानसभा क्षेत्र के लोगों की क्या गलती है जहां उपचुनाव नहीं हो पा रहे हैं. वहां के लोग अपने प्रतिनिधि का चुनाव नहीं कर पाएंगे. अगर माहौल सही नहीं है, तो कहीं भी उपचुनाव नहीं होना चाहिए. क्या एक शख्स के लिए चुनाव हो सकता है, किसी को मुख्यमंत्री बनाना चुनाव आयोग का का नहीं है. हम इस बारे में कानूनी विशेषण
प्रश्न 2- क्या आप भबानीपुर में सीएम के खिलाफ बड़े नाम की घोषणा करेंगे?
दिलीप घोष: देखिए, अब उपचुनाव हो रहे हैं और हम अपनी पूरी ताकत से लड़ेंगे. हम पूरी तैयारी करेंगे. हम मुख्यमंत्री के खिलाफ बड़ा और मशहूर नाम को खड़ा करेंगे क्योंकि वह खुद भी बड़ा नाम हैं. लेकिन एक तथ्य ये भी है कि सीएम नंदीग्राम में चुनाव हार चुकी हैं. लड़ाई बराबरी की होगी. पार्टी इस बारे में जल्द ही फैसला करेगी.
प्रश्न -3- टीएमसी आरोप लगा रही है थी कि भबानीपुर में उपचुनाव समय पर नहीं होंगे और ममता सीएम नहीं रह पाएंगी
दिलीप घोष: वह उपचुनाव में उतरकर दबाव बनाना चाह रही थीं. सीएम की मुख्य सचिव ने चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखकर कहा था कि संवैधानिक संकट खड़ा हो जाएगा. कैसे संवैधानिक संकट खड़ा हो जाएगा? हमारा एक मुख्यमंत्री (उत्तराखंड) इस्तीफा दे दिया था. आपकी पार्टी (टीएमसी) सत्ता में है और बहुमत में है. ममता बनर्जी चुनाव हार गईं और फिर भी सीएम बनीं. आखिर क्यों वह सीएम बनीं? दरअसल, असली संकट टीएमसी में है कि ममता के बाद कौन? टीएमसी में मुद्दा केवल सत्ता और कुर्सी का है.
प्रश्न 4- आपके 4 विधायक टीएमसी में शामिल हो गए हैं, क्या पश्चिम बंगाल में बीजेपी के अंदर कोई समस्या है?
दिलीप घोष : जो लोग टीएमसी में चले गए हैं, वे लंबे समय तक बीजेपी के साथ नहीं रहे. कुछ लोग टीएमसी के डर से साथ भी जा रहे हैं. 4-5 लोग ऐसे हैं जो पार्टी के साथ नहीं चल पा रहे थे. अगर कोई दूर जाना चाहता है, तो हम उसे कब तक रोक सकते हैं? अगर मुकुल रॉय जैसा नेता जा सकता है, तो आप किस पर भरोसा करते हैं? चुनाव से ठीक पहले एक व्यक्ति हमारे पास आया और हमने उसे टिकट दिया और वह जीत गया लेकिन वह हमेशा मुकुल रॉय के करीबी थे और हमारी पार्टी के कार्यक्रमों में कभी नहीं आए. ए
प्रश्न 5- टीएमसी के नेता दावा कर रहे हैं कि बीजेपी के 10-12 विधायक पार्टी छोड़ने को तैयार हैं?
दिलीप घोष: नहीं, मुझे नहीं लगता कि 10-12 लोग हैं, जैसाकि टीएमसी दावा कर रही है. हां ये जरूर है कि मुकुल रॉय समेत 4 विधायक टीएमसी में शामिल हुए हैं.
प्रश्न- 6- आपकी पार्टी में कुछ लोग कहते हैं चुनाव के बाद राज्य में हुई हिंसा पर हाईकोर्ट के फैसले के बाद सीएम को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए
दिलीप घोष: टीएमसी और सीएम के पास नैतिकता बची ही नहीं है. हम उम्मीद करते हैं की सीबीआई लोगों को न्याय दिलाएगी और ऐसा लगता है कि जांच सही दिशा में चल रही है. ईडी भी पश्चिम बंगाल में कई घोटालों की जांच कर रही है.
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