EXCLUSIVE: तालिबान के प्रवक्ता बोले- उम्मीद है भारत भी अपना रुख बदलेगा, दोनों देशों के लिए ये अच्छा कदम होगा
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(मनोज गुप्ता)
नई दिल्ली. अफगानिस्तान में सत्ता बदल गई है. काबुल पर कब्जे के बाद तालिबान (Taliban) नई सरकार बनाने के लिए तैयार है. इस बीच तालिबान के प्रवक्ता शाहीन सुहैल ने CNN-NEWS18 से एक्सक्लूसिव बातचीत करते हुए बताया है कि अफगानिस्तान में अगली सरकार कैसी होगी. साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई है कि भारत से भी भविष्य में रिश्ते बेहतर होंगे. उन्होंने कहा कि संगठन को उम्मीद है कि भारत अपना रुख बदलेगा और तालिबान का समर्थन करेगा. बता दें कि अफगानिस्तान के संकटग्रस्त राष्ट्रपति ने रविवार को देश छोड़ दिया. तालिबान ने पूरी राजधानी में अपने पैर पसार लिए हैं और चरमपंथी संगठन के एक अधिकारी ने कहा कि वह काबुल में राष्ट्रपति भवन से जल्द ही ‘इस्लामी अमीरात ऑफ अफगानिस्तान’ के गठन की घोषणा करेगा.
तालिबान के प्रवक्ता ने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि वे (भारत) भी अपनी नीतियों में बदलाव करेंगे क्योंकि पहले वे उस शासन सरकार का पक्ष ले रहे थे, जो थोपी गई थी. ये दोनों पक्षों, भारत और अफगानिस्तान के लोगों के लिए अच्छा होगा.’
तालिबान ने रविवार को काबुल पर कब्जा कर लिया, उसके बाद राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़ कर भाग गए. राजधानी के मौजूदा हालात पर उन्होंने कहा, ‘हमारी सुरक्षा बलों ने सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए काबुल शहर में प्रवेश किया है ताकि लोगों की संपत्ति को नुकसान न पहुंचे और उनकी जान बच जाए. इससे पहले हमारे नेतृत्व ने हमारे सेना को काबुल शहर के गेट पर रुकने का निर्देश दिया था. लेकिन जब हमें लूटपाट और संपत्ति की लूट और फायरिंग की कई खबरें मिलने लगीं तो हमारे नेतृत्व ने लड़ाकों को काबुल शहर में प्रवेश करने और सुरक्षा की ज़िम्मेदारी लाने का निर्देश दिया.’
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भारत ने अपने राजनयिकों और नागरिकों को बाहर निकालने की प्रक्रिया तेज़ कर दी है और अगले 48 घंटों में उन्हें निकाल लिया जाएगा. सुहैल ने हालांकि आश्वासन दिया कि वे सभी विदेशी दूतावासों को सुरक्षा मुहैया कराएंगे. उन्होंने कहा, ‘अब तक स्थिति ये है कि हम सभी दूतावासों और राजनयिकों के लिए सुरक्षित वातावरण प्रदान करेंगे. अन्य देशों में हमारे दूतावासों के बारे में, सरकार बनने के बाद तय किया जाएगा.’
उन्होंने आगे कहा, ‘दुनिया के सभी देशों के साथ सहयोग करना हमारी नीति है. अब एक नया अध्याय खुला है, वह है देश का निर्माण, लोगों का आर्थिक विकास, सभी देशों के बीच शांति का एक अध्याय, खासकर हमारे आस-पास के देशों में. हमें दूसरे देशों के सहयोग की जरूरत है. हमारा इरादा देश का पुनर्निर्माण करना है और ये अन्य देशों के सहयोग के बिना नहीं किया जा सकता है.’
उन्होंने ये भी कहा कि यह तालिबान के शासन का ये एक नया संस्करण होने जा रहा है. उन्होंने कहा, ‘पहले हमारे पास सरकार चलाने का अनुभव नहीं था, लेकिन 20-25 साल बाद हमें सरकार चलाने और दूसरे देशों के साथ संबंध स्थापित करने का अनुभव है. हम अपने देश के पुनर्निर्माण और राष्ट्रीय एकता पर भी ध्यान देंगे.’
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