कोविड पर विशेषज्ञों की राय, अभी पैनिक की जरूरत नहीं लेकिन अगले 20 दिन चुनौतीपूर्ण
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नई दिल्ली. देश में आई दूसरी लहर के बाद लगभग सबसे निचले स्तर पर जा चुके कोरोना के मामले एक बार फिर बढ़ना शुरू हो गए हैं. कोविड (Covid) के बढ़ते मामलों के अलावा हाल ही में सामने आए नए वेरिएंट ने सरकार के साथ-साथ वैज्ञानिकों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. देश के छह राज्यों महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, केरल, जम्मू-कश्मीर और तेलंगाना में पहुंचे इस नए वेरिएंट (New Variant) की वजह से कोविड की तीसरी लहर (Covid-19 Third Wave) की आहट की आशंका भी जताई जा रही है. हालांकि 16 हजार रोजाना के आसपास पहुंचे मामलों को लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि अभी कोविड को लेकर पैनिक की जरूरत नहीं है लेकिन सावधानी बहुत जरूरी है.
डेल्टा प्लस परिवार से जुडे़ इस वेरिएंट के भारत के छह राज्यों में सामने आने पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान दिल्ली (AIIMS Delhi) के पूर्व निदेशक डॉ. एमसी मिश्र कहते हैं कि कोरोना के मामले में पिछले कुछ दिनों से देखा जा रहा है कि कुछ हजार का बढ़ना-घटना लगा हुआ है. दो-चार हजार मामले बढ़ने या घटने से तीसरी लहर का अनुमान नहीं लगाया जा सकता, लेकिन इसके नए वेरिएंट का सामने आना चिंता का विषय है. पहले भी देखा गया है कि दूसरी लहर से पहले कोविड के मामले बहुत कम हो गए थे लेकिन अचानक डेल्टा वेरिएंट (Delta Variant) के आने से चीजें पलट गईं और कोरोना पीक पर आ गया.
डॉ. मिश्र कहते हैं कि इसी तरह अभी भी कोविड के मामले (covid-19 cases) पूरी तरह जीरो नहीं हुए हैं, सिर्फ कम हुए हैं. लिहाजा राज्य सरकारों को किसी भी मामले में ढील देने से पहले और लोगों को किसी भी प्रकार के सामाजिक समारोहों में शामिल होने से पहले सावधान होना होगा. नया वेरिएंट खतरा पैदा कर सकता है. हालांकि इसे लेकर अभी पैनिक की स्थिति नहीं है. वेरिएंट को लेकर भी जांच चल रही है. साथ ही अगर लोग सावधानी बरतते हैं तो इस वेरिएंट का असर कम भी हो सकता है. हालांकि आगामी 20 दिन काफी महत्वपूर्ण हैं. जैसा कि स्वास्थ्य से जुड़े लोगों का अनुमान है कि 15 नवंबर तक कोविड को लेकर स्थिति साफ हो जाएगी.
नवरात्र और दशहरा के बाद केस न बढ़ना राहत भरा
डॉ. कहते हैं कि पहले आशंका जताई जा रही थी कि नवरात्र में कोरोना के मामले बढ़ेंगे. उसके बाद दशहरा भी निकल गया, जिसमें कि केस बढ़ने की पूरी आशंका थी. वहीं अब दिवाली भी नजदीक है. बाजार पूरी तरह खुले ही हुए हैं. जबकि विदेशों में देखें तो कई देशों में मामले न केवल तेजी से बढ़े हैं बल्कि वैक्सीनेटेड लोगों को कोरोना ज्यादा हो रहा है. ऐसे में भारत में अभी हालात नियंत्रण में हैं. इसी तरह अगर दिवाली (Diwali) और छठ पूजा (Chhath Puja) का त्योहार भी निकल जाता है तो तीसरी लहर से काफी हद तक बचा जा सकता है, लेकिन अगर इन 15 दिनों में मामले बढ़ते रहे तो हालात जटिल होंगे.
पिछली बार के मुकाबले इस बार ज्यादा मजबूत स्वास्थ्य सेवाएं
दिल्ली म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन (MCD) के पूर्व एडिशनल एमएचओ डॉ. सतपाल कहते हैं कि कोरोना की दूसरी लहर में दो कमियां खासतौर पर सामने आई थीं, पहली ऑक्सीजन की कमी और दूसरी दवा और बेड की किल्लत. हालांकि उस लहर के बाद से दिल्ली ही नहीं आसपास के राज्यों ने भी अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी को काफी हद तक दूर किया है. ऑक्सीजन प्लांट लगाए हैं. वहीं बेड की बात की जाए तो जिन अस्पतालों को कोविड के लिए नोटिफाई किया गया था उन्हें अभी भी उसी स्थिति में रखा गया है. यहां तक कि कोविड बेड डेंगू के मामलों में इस्तेमाल हो रहे हैं. इसके अलावा कोविड वैक्सीनेशन में भी एक बड़ी संख्या पहली डोज से कवर हुई है. लिहाजा अगर संक्रमण होता भी है तो उसकी गंभीरता कुछ कम हो सकती है और हो सकता है घरों में ही मरीज ठीक हो जाएं. ऐसे में इस बार व्यवस्थाएं पहले से अधिक हैं.
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