उत्तराखंड

EXPLAINED: जानिए क्या है कोरोना के डेल्टा, कप्पा, लैम्बडा और डेल्टा प्लस वेरिएंट?

[ad_1]

नई दिल्ली. भारत में कोरोना की दूसरी लहर (Coronavirus 2nd Wave) की रफ्तार तो कम हो गई है, लेकिन इस बीच केरल और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में फिर से कोरोना के नए मामलों ने हर किसी की चिंता बढ़ा दी है. कई एक्सपर्ट्स इसे तीसरी लहर की आहट मान रहे हैं. इस बीच भारत में कोरोना की एक और वेरिंएंट ने भी लोगों की टेंशन बढ़ा दी है. ये है कोरोना का कप्पा वेरिएंट (Kappe). शुक्रवार को इसके दो मामले उत्तर प्रदेश से मिले. ये वेरिएंट कितना खतरनाक है फिलहाल इसकी समीक्षा की जा रही है. वैसे भारत में इस वक्त सबसे ज्यादा डेल्टा वेरिएंट के केस सामने आ रहे हैं…

इन दिनों भारत में कोरोना ने जिन चार वेरिएंट की चर्चा है वो हैं- डेल्टा, डेल्टा प्लस, कप्पा और लैम्बडा. आईए विस्तार से समझते हैं कि कोरोना के ये अलग-अलग वेरिएंट्स कितने खतरनाक हैं और आने वाले दिनों में ये क्या तीसरे लहर को बढ़ावा देगा?

डेल्टा

भारत में कोरोना की दूसरी खतरनाक लहर इसी वेरिएंट से आई थी. पहली बार ये वेरिएंट भारत में ही मिला था. इसी से भारत में कोरोना के दौरान सबसे ज्यादा मौतें हुईं. एक स्टडी के मुताबिक अगर डेल्टा वेरिएंट की तुलना चीन के वुहान में मिले ऑरिजनल स्ट्रेन से की जाए तो इसके खिलाफ वैक्सीन 8 गुना कम असरदार है. डेल्टा वेरिएंट का संक्रमण काफी तेज़ी से फैलता है. साथ ही ऐसे में मरीजों में कोरोना के गंभीर लक्षण दिखते हैं. इस वक्त ब्रिटेन और इज़राइल में इसी वेरिएंट के चलते कोरोना के नए केस में तेज़ी से इज़ाफा हो रहा है. आंकड़ों के मुताबिक इज़राइल में कोरोना के 90 फीसदी केस इसी वेरिएंट के हैं. जबकि वहां 50 फीसदी लोगों ने वैक्सीन लगवा ली है.

डेल्टा प्लस

कोरोना का ये नया वेरिएंट डेल्टा (B.1.617.2) में ही म्यूटेशन के बाद दिखा है. इसमें ये पता लगाने कि कोशिश की जा रही है कि किस तरह से ये अपना रूप बदल रहा है. हाल के दिनों में महाराष्ट्र में डेल्टा प्लस के काफी ज्यादा केस सामने आए हैं. कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि कोरोना की तीसरी लहर इसी वेरिएंट से आ सकती है. ये भारत के अलावा यूके, पुर्तगाल, स्विटजरलैंड, पोलैंड, जापान, नेपाल, चीन और रूस सहित नौ देशों में पाया गया है. डेल्टा प्लस के रोगियों ने पेट में दर्द, भूख में कमी, उल्टी और जोड़ों में दर्द की शिकायत की है.

ये भी पढ़ें:- ‘ये पंकजा मुंडे का करियर खत्म करने की साजिश है’, नए कैबिनेट पर बोली शिवसेना

कप्पा वेरिएंट

कप्पा वेरिएंट को B.1.167.1 भी कहा जाता है. ये सबसे पहले अक्टूबर 2020 में मिला था. WHO ने इस वेरिएंट को अब तक ‘वेरिएंट ऑफ कंसर्न’ नहीं कहा है. फिलहाल इसे वेरिएंट ऑफ इंट्रेस्ट की श्रेणी में रखा गया है. डेल्टा की तरह कप्पा भी अपने दो म्यूटेशंस EE484Q और L452R के चलते डबल म्यूटेंट है. बता दें कि लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज 109 सैंपल्स की जीनोम सीक्वेंसिंग की थी. इसी दौरान कुछ सैंपल में कप्पा वेरिएंट दिखा. वायरस के ‘कप्पा’ स्वरूप के बारे में पूछे जाने पर अपर मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि ”कप्पा स्वरूप कोई नई बात नहीं है, पहले भी इस स्वरूप के कई मामले सामने आ चुके हैं. इसलिए घबराने की कोई बात नहीं है, ये कोरोना वायरस का एक सामान्य स्वरूप हैं और इसका इलाज संभव हैं.’

लैम्बडा
कोरोना के लैम्बडा वेरिएंट को फिलहाल ‘वेरिएंट ऑफ इंट्रेस्ट’ की कैटेगरी में रखा गया है, केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कहा कि भारत में अब तक सार्स-सीओवी-2 के लैम्बडा वेरिेंट का कोई मामला सामने नहीं आया है. स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने एक सवाल के जवाब में कहा कि इंडियन सार्स-सीओवी-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (आईएनएसएसीओजी) स्वरूप पर करीबी नजर रख रहा है. उन्होंने कहा, ‘14 जून को डब्ल्यूएचओ द्वारा पहचाना गया लैम्बडा वायरस का सातवां संस्करण था और 25 देशों में इसका पता चला है.’ बता दें कि लैम्बडा के कुछ केस कनाडा में मिले हैं.

[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *