उत्तराखंड

MSP समेत अन्य मांगों पर सरकार से बात करेंगे किसान संगठन, 5 सदस्यीय पैनल का गठन

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केंद्र सरकार की पेशकश पर दिल्ली की अलग-अलग बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसान संगठन (Farmer Unions)  सरकार से बातचीत के लिए तैयार हो गए हैं. शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने किसानों संगठनों को बातचीत का न्यौता दिया था, जिसे किसान संगठनों ने  स्वीकार कर लिया है. किसानों संगठन की ओर से 5 सदस्यीय पैनल अब अन्य मुद्दों पर सरकार के साथ चर्चा करेगा. शनिवार को दिल्ली में संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में यह फैसला लिया गया है. इस मीटिंग में धरना स्थल से किसानों के हटने के मुद्दे पर भी चर्चा हुई. किसान संगठनों का कहना है कि जब तक सरकार किसानों के खिलाफ दर्ज सभी मुकदमे वापस नहीं लेती है तब तक वे धरना स्थल से नहीं हटेंगे.

दरअसल तीनों कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठन दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर पिछले एक साल से प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों की नाराजगी को देखते हुए सरकान ने इन तीनों कृषि कानून को निरस्त कर दिया है हालांकि न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price) और कुछ अन्य मांगों को लेकर कानून बनाने की मांग पर किसान संगठन अब भी अड़े हुए हैं.

MSP पर कानून बनाने की मांग

किसान संगठनों की मांग है कि केंद्र सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर कानून बनाए जो कि किसानों को उनकी फसलों पर एमएसपी की कानूनी गारंटी दे. दरअसल मिनिमम सपोर्ट प्राइज विभिन्न फसलों के लिए तय की जाने वाली वह दर है जिससे कम दाम पर फसलों को नहीं खरीदा जा सकता है.

सरकार से वार्ता और आंदोलन के आगे की रणनीति तय करने के मुद्दे पर शनिवार को संयुक्त किसान मोर्चा ने दिल्ली के सिंधु बॉर्डर पर बैठक की. इससे पहले केंद्र सरकार ने एमएसपी और अन्य मुद्दों पर बातचीत के लिए किसान संगठनों से 5 सदस्यीय पैनल के लिए नाम मांगे थे. हालांकि संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा जारी बयान में कहा गया कि उन्हें सरकार की ओर से कॉल आया था लेकिन इस बारे में कोई औपचारिक बात नहीं हुई है. किसान नेता दर्शन पाल सिंह ने कहा कि हमने केंद्र सरकार को साफ कह दिया है कि जब तक किसानों के खिलाफ दायर केस वापस नहीं लिए जाते हैं हम प्रदर्शन स्थल से नहीं हटेंगे.

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बता दें कि किसानों की नाराजगी को देखते हुए पीएम मोदी ने 19 नवंबर को तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया था इसके बाद सरकार ने संसद के शीतकालीन सत्र में बिल लाकर तीनों कृषि कानूनों को निरस्त कर दिया.

Tags: Farm Laws Repealed, Farmer Agitation



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