प्रधानमंत्री मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट BharatNet के लिए ग्लोबल टेंडर जारी, ब्रॉडबैंड से जुड़ेंगे 6.3 लाख गांव
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वैष्णव ने 9 जुलाई को नए दूरसंचार और आईटी मंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के तुरंत बाद इस परियोजना की विस्तृत समीक्षा की थी.शुरुआत में इस प्रोजेक्ट के तहत अगस्त 2021 तक देश में 2.5 लाख ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर से कवर करना था. हालांकि यह डेडलाइन मिस हो गई. सरकार ने इस साल मार्च में संसद को बताया था कि अब तक केवल 1.5 लाख ग्राम पंचायतों की सेवा तैयार है और 5.09 लाख किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाई गई है. सरकार ने तब कहा था कि कोविड महामारी के कारण लगे लॉकडाउन की वजह से परियोजना की पर असर पड़ा.
6.3 लाख गांवों तक परियोजना को पहुंचाने की योजना
बीते साल अगस्त में पीएम की घोषणा के अनुसार, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 30 जून को 16 राज्यों में पीपीपी मोड के माध्यम से भारतनेट की संशोधित कार्यान्वयन रणनीति को मंजूरी दी. इसके बाद देश के सभी 6.3 लाख गांवों तक इस परियोजना को पहुंचाने की योजना बनाई गई. इसके लिए 19,041 करोड़ रुपये के पीपीपी मॉडल के लिए अनुमानित अधिकतम वायबिलिटी गैप फंडिंग को भी मंजूरी दी गई.
टेंडर्स के बाद मंगलवार को जारी एक बयान में सरकार ने कहा कि भारतनेट पीपीपी परियोजना के तहत सभी ग्राम पंचायतों और गांवों को जोड़ना है.भारत को नेट तैयार करना, अपग्रेड करना, ऑपरेशन और मेंटेनेंस और उपयोग के लिये ग्लोबल टेंडर्स जारी किए गए हैं.
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