उत्तराखंड

Goa Liberation Day: 450 सालों के बाद गोवा को मिली थी आज़ादी, जानें लिबरेशन डे का इतिहास?

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पणजी. आज गोवा में लिबरेशन डे यानी ‘गोवा मुक्ति दिवस’ (Goa Liberation Day) मनाया जा रहा है. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) कई कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे और कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे. कार्यक्रम के दौरान पुर्तगाली शासन से मुक्त कराने के लिए स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित भी किया जाएगा. ‘गोवा मुक्ति दिवस’ भारतीय सेना द्वारा पुर्तग़ालियों के अधिकार से गोवा को मुक्त कराने के मौके पर हर साल मनाया जाता है. साल 1510 में पुर्तगाल ने गोवा पर कब्जा किया और इसके बाद करीब 450 सालों तक यहां उन्होंने राज किया.

आज़ादी के करीब 14 साल बाद यानी 19 दिसंबर 1961 को गोवा पुर्तगाल से आज़ाद हुआ. आइए विस्तार से जानते हैं लिबरेशन डे का इतिहास… दरअसल 1510 में पुर्तगालियों ने भारत के कई हिस्सों पर कब्जा किया. लेकिन 19वीं शताब्दी के आखिर तक भारत में पुर्तगाली उपनिवेश गोवा, दमन, दीव, दादरा, नगर हवेली और अंजेदिवा द्वीप तक सीमित रह गया. 15 अगस्त 1947 को भारत आजाद हो गया. लेकिन गोवा इसके बाद भी पुर्तगाली शासन के अधीन था. पुर्तगालियों ने गोवा और अन्य भारतीय क्षेत्रों पर अपना अधिकार छोड़ने से इनकार कर दिया.

ऑपरेशन विजय
पुर्तगालियों के साथ कई दौर की बातचीत हुई. कई राजनयिक प्रयासों के बाद भी वो गोवा को छोड़ने के लिए तैयार नहीं हुए. इसके बाद उस वक्त भारत के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने फैसला किया कि पुर्तगालियों को हटाने का सैन्य हस्तक्षेप ही एकमात्र विकल्प था. इसके बाद इन्हें हटाने के लिए 18 दिसंबर, 1961 को 36 घंटे का सैन्य अभियान चलाया गया. इस अभियान को ‘ऑपरेशन विजय’ का नाम दिया गया. इसमें भारतीय नौसेना, वायुसेना और थल सेना शामिल थे.

19 दिसंबर को हुआ आज़ाद
भारतीय नौसेना की वेबसाइट के मुताबिक 19 दिसंबर को गोवा क्षेत्र को फिर से भारत में शामिल कर लिया गया. अपदस्थ गवर्नर जनरल मैनुअल एंटोनियो वासलो ई सिल्वा ने आत्मसमर्पण के प्रमाण पत्र पर हस्ताक्षर किए और इस तरह इस क्षेत्र में पुर्तगाली शासन को खत्म कर दिया गया. इसने भारत को विदेशी शासन से पूरी तरह मुक्त कर दिया.

Tags: Goa, Goa Lok Sabha Constituencies Profile



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