उत्तराखंड

गुजरात कैबिनेट विस्तार: आज शपथ ले सकते हैं 27 मंत्री, सामने आईं पार्टी में विरोध की खबरें

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गांधीनगर. गुजरात (Gujarat) में नेतृत्व बदलाव के बाद बुधवार को कैबिनेट विस्तार होना था, लेकिन कुछ कारणों के चलते कार्यक्रम टल गया था. अब खबर है कि दोपहर 1:30 बजे शपथ ग्रहण समारोह आयोजित हो सकता है, जिसमें 27 मंत्री शपथ ले सकते हैं. उम्मीद जताई जा रही है कि नए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के कैबिनेट में किसी भी पुराने मंत्री को दोहराया नहीं जाएगा. कहा जा रहा है कि इससे पहले कई पूर्व मंत्रियों के विरोध के चलते कार्यक्रम टल गया था. नए कैबिनेट में जगह नहीं मिलने की खबर के बाद पुराने मंत्रियों ने विरोध के सुर उठाए हैं. हालांकि, कुछ नेताओं ने इसका कारण ‘सही महूर्त’ नहीं होना भी बताया है.

इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में बीजेपी की गुजरात इकाई के अध्यक्ष सीआर पाटिल ने बुधवार सुबह कहा था कि नए मंत्रियों का शपथ ग्रहण ‘दोपहर 2 और 4 बजे के बीच लगभग फाइनल है.’ खबर के अनुसार, दोपहर 3:30 बजे तक लिंबड़ी विधायक किरितसिंह राणा के समर्थक सुरेंद्रनगर से राजभवन पहुंच चुके थे. उन्हें खबर मिली थी कि उनके विधायक नए मंत्रियों में शामिल होंगे. हालांकि, तब तक आयोजन स्थल से कार्यक्रम के पोस्टर हटा लिए गए थे.

कुछ ही मिनटों बाद मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से ट्वीट किया गया कि नए कैबिनेट का शपथ ग्रहण गुरुवार को 1:30 बजे होगा. इस पोस्ट को डिलीट कर दिया और बाद में राजभवन के आयोजन स्थल होने की जानकारी के साथ दोबारा जारी किया गया.

विजय रुपाणी सरकार में मंत्री रहे एक विधायक ने कहा कि कुछ मंत्रियों को जब यह पता चला कि वे नए मंत्रिमंडल में शामिल नहीं हैं, तो उन्होंने विरोध किया. पूर्व मंत्री ने कहा, ‘सभी वरिष्ठ मंत्रियों को हटाया जाना था. नए काउंसिल में एक को भी दोबारा नहीं लिया जाना था. इसके चलते हमें अपनी आवाज उठानी पड़ी.’ रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया कि पाटिल निकाय चुनावों में टिकट वितरण में सख्त मानदंड तय किए हैं. इसमें यह भी शामिल है कि जो उम्मीदवार तीन कार्यकाल पूरा कर चुके हैं, उन्हें दोबारा मौका नहीं दिया जाएगा. ‘मौजूदा विधायकों और मंत्रियों को डर है कि इससे उनका राजनीतिक करियर खत्म हो जाएगा.’

रिपोर्ट के अनुसार, बीजेपी के एक शीर्ष सूत्र ने कहा, ‘केंद्र और राज्य के शीर्ष नेताओं ने मंगलवार दोपहर को बाहर जा रहे सभी मंत्रियों को एक-एक कर बुलाया था और अलग-अलग बैठक की थी. बताया गया कि उन्हें मंत्रिमंडल में फॉर्मूला का हिस्सा होने के चलते जगह नहीं दी जाएगी.’ सूत्र ने कहा कि बुधवार को राज्य मंत्रियों को तलब किया गया और उन्हें भी यही चीज कही गई. गांधीनगर से एक शीर्ष नेता ने कहा कि तारीख में बदलाव इसलिए हुआ था, क्योंकि ‘महूर्त सही नही था.’ जब उनसे नाराज नेताओं को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा, ‘अगर वे हैं भी, तो क्या इसे सहन किया जाएगा?’

पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि किसी की भी तरफ से कोई विशेष विरोध है. और ऐसे मौके पर जब चुनाव लगभग एक साल में होने वाले हैं, तो विरोध करना राजनीतिक रूप से चतुराई नहीं है. कार्यक्रम का टलना किसी विरोध के चलते तो बिल्कुल नहीं था.’ एक अन्य पार्टी नेता ने कहा कि कुछ विधायकों ने कार्यक्रम में शामिल होने के लिए परिवार के पहुंचने के चलते समय की मांग की थी. यह कार्यक्रम टालने का एक कारण हो सकता है. एक पदाधिकारी ने इसे नेतृत्व को लगा था कि नामों का चुनाव दोपहर तक पूरा हो जाएगा, लेकिन जाति और धार्मिक संतुलन की बात को भी ध्यान में रखना जरूरी थी, जिसमें समय लगता है.

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