उत्तराखंड

बस दुर्घटना में हो गई थी मौत, 25 साल से परिजन लगा रहे थे मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए चक्कर, अब…

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चंडीगढ़. 25 सितंबर 1996, हरियाणा परिवहन की बस से हुई एक दुर्घटना में एक व्यक्ति की मौत हो जाती है. इसके बाद शुरू होता है परिजन के परेशान होने का सिलसिला. ये परेशानी आर्थिक या मानसिक कम बल्कि प्रताड़ना ज्यादा थी. 25 साल तक हादसे में मौत होने के बाद व्यक्ति का मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं मिल सका. गुरुग्राम के गांव घोषगढ़ निवासी दुलीचंद ने बताया कि उसके जीजा की मौत 1996 को हो गई थी लेकिन अब तक उसे मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं मिल सका. जिसके बाद परेशान होकर उसने सीएम विंडो पर शिकायत दर्ज करवाई.
दुलीचंद ने बताया कि उसने सीएम विंडो पर 1 अप्रैल 2021 को शिकायत दर्ज करवाई थी. जिसके बाद उस पर तत्काल कार्रवाई की गई.

ढूंढे गए रिकॉर्ड
दुलीचंद की शिकायत दर्ज होने के बाद कार्रवाई के लिए गुरुग्राम के नागरिक अस्पताल को सूचित किया गया. इसके बाद अस्पताल और नगर निगम के अधिकारियों ने 1996 का रिकॉर्ड ढूंढा और प्रार्थी को 16 अगस्त 2021 को मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया. दुलीचंद ने बताया कि 25 साल से वो नागरिक अस्पताल और नगर निगम कार्यालय के चक्कर काटकर थक चुका था लेकिन कुछ भी नहीं हो रहा था. इसके बाद उसने सीएम विंडो पर अपनी शिकायत दर्ज करवाई थी. अब क्योंकि उसकी समस्या का समाधान हो गया है तो उसने अपनी शिकायत वापस ले ली है.

अधिकारियों के खिलाफ होती है कार्रवाई
हरियाणा में अब लोगों की समस्याओं के निपटारे के लिए सीएम विंडो का प्रावधान शुरू किया गया है. इसमें लोग अपनी समस्याएं सीधे कर सकते हैं. ओएसडी भूपेश्वर दयाल ने बताया कि ऐसे में शिकायत मिलते ही उस पर एक्‍शन लिया जाता है और संबंधित विभाग से संपर्क किया जाता है. विभाग के अधिकारियों को तय सीमा में समस्या के समाधान के आदेश दिए जाते हैं. ऐसे में यदि कोई कर्मचारी या अधिकारी अपनी ड्यूटी में लापरवाही बरतता है या फिर समय सीमा में काम को पूरा नहीं करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाती है.

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