अरे साहब यह ब्रांडेड केला है, एक बार मिलने के लिए बुलाइए; जब किसान ने PM मोदी से मांगा वक्त, देखें VIDEO
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लखनऊ. पीएम-किसान योजना के तहत धन जारी करने के दौरान शनिवार को देश भर के किसानों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वीडियो बातचीत में एक हल्का क्षण देखने को मिला जब लखनऊ के एक किसान ने अपने द्वारा उगाए गए विशेष केले को पीएम को देने की ख्वाहिश जाहिर की. दरअसल देश भर के विभिन्न केंद्रों पर किसानों ने अपने कृषि उत्पादों, फलों, सब्जियों और फसलों को स्टॉलों पर प्रदर्शित किया था, ताकि प्रधानमंत्री उनका निरीक्षण कर सकें.
लखनऊ के किसान धर्म चंद के स्टॉल ने पीएम मोदी का ध्यान खींचा, तो उन्होंने पूछा, “इतने सारे उत्पाद आपने यहां रखे हैं. क्या ये सभी छोटे किसानों द्वारा उगाए गए हैं?” इस पर, उत्तर प्रदेश कृषि उत्पादक संगठन (FPO) के एक सदस्य धर्म चंद ने कहा कि सभी वस्तुएं वास्तव में छोटे किसानों द्वारा उगाई गई हैं.
ब्रांडेड केले ने खींचा पीएम मोदी का ध्यान
स्टॉल पर लगे केलों के आकार से पीएम मोदी काफी आकर्षित हुए. उन्होंने महसूस किया कि ये सामान्य आकार से काफी बड़े हैं. इस पर धर्म चंद ने कहा, “सर, यह एक ब्रांडेड केला है. इसे ‘नवीन केला’ कहा जाता है. कृपया मुझे एक मौका दें, कृपया मुझे बुलाइए, मैं आपके लिए केला लाऊंगा.” इसे सुनते ही सभी लोग हंसने लगे. पीएम मोदी के चेहरे पर भी हल्की मुस्कान देखी गई.
धर्मचंद्र जी का आत्मविश्वास नए वर्ष में अन्नदाताओं को नई ऊर्जा देने वाला है। उन्होंने अपने परिश्रम से न केवल सैकड़ों किसानों को जोड़ा, बल्कि अपनी संस्था के टर्नओवर के साथ-साथ किसान भाई-बहनों की आय बढ़ाने का भी कार्य किया। pic.twitter.com/G76IOpLfzr
— Narendra Modi (@narendramodi) January 1, 2022
पीएम मोदी ने धर्म चंद से क्या कहा
पीएम मोदी ने धर्म चंद को मंजूरी देते हुए कहा, “जिस आत्मविश्वास से आप बोल रहे हैं और देश के किसान आपको सुन रहे हैं – सभी को प्रेरणा मिलेगी. आपने किसानों की मेहनत का मूल्यवर्धन किया है और (उन्हें) एक नई ताकत दी है.” पीएम की टिप्पणी का जवाब देते हुए धर्म चंद ने कहा कि किसान एफपीओ की राजधानी हैं.
10.09 करोड़ किसानों को पीएम-किसान योजना की 10वीं किस्त जारी
इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10.09 करोड़ किसानों को पीएम-किसान योजना के तहत वित्तीय सहायता के रूप 20,946 करोड़ रुपये की 10वीं किस्त जारी की. इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र में नवीन अन्वेषणों को बढ़ाने और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की जरूरत है. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना के तहत पात्र किसान परिवारों को प्रतिवर्ष 6,000 रुपये का वित्तीय लाभ प्रदान किया जाता है, जो 2,000 रुपये की तीन समान किस्तों में देय होता है. पीएम-किसान योजना की घोषणा फरवरी, 2019 के बजट में की गई थी. पहली किस्त दिसंबर, 2018 से मार्च, 2019 की अवधि के लिए दी गई थी.
‘किसानों को अच्छी गुणवत्ता वाले बीज और उर्वरक खरीदने में मिली मदद’
प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये आयोजित कार्यक्रम में लाभार्थियों को यह राशि जारी करते हुए कहा कि यह योजना किसानों के लिए एक बड़ा समर्थन है और केंद्र ने बिचौलियों की भागीदारी के बिना सभी किस्तों को समय पर सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में स्थानांतरित कर दिया है. उन्होंने कहा कि किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि भारत ऐसी उपलब्धि हासिल कर सकता है. उन्होंने कहा, “अगर हम आज के धन हस्तांतरण को शामिल करें, तो पीएम-किसान के तहत 1.8 लाख करोड़ रुपये से अधिक सीधे किसानों के खातों में स्थानांतरित कर दिए गए हैं.” उन्होंने कहा कि इस योजना से किसानों को अच्छी गुणवत्ता वाले बीज और उर्वरक खरीदने में मदद मिली है.
351 एफपीओ को 14 करोड़ रुपये से अधिक का इक्विटी अनुदान
इस अवसर पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि लगभग 10.09 करोड़ लाभार्थियों को लगभग 20,900 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए जा रहे हैं. इस कार्यक्रम में नौ मुख्यमंत्री, विभिन्न राज्यों के कई मंत्री और कृषि संस्थानों के प्रतिनिधि शामिल हुए. एक वर्चुअल कार्यक्रम में मोदी ने 351 कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को 14 करोड़ रुपये से अधिक का इक्विटी अनुदान भी जारी किया. इससे 1.24 लाख किसानों को फायदा होगा.
उन्होंने कहा कि छोटे किसान एफपीओ की स्थापना के साथ सामूहिक ताकत की शक्ति का अहसास कर रहे हैं और उन्होंने छोटे किसानों के लिए एफपीओ के पांच लाभों को सूचीबद्ध किया – मोलभाव करने की ताकत में वृद्धि, व्यापक पैमाना, नवाचार, जोखिम प्रबंधन और बाजार स्थितियों के अनुरूप खुद को ढालना.
एफपीओ के माध्यम से किसान अब थोक लागत सामग्रियों को खरीद सकते हैं और अपने कृषि उत्पाद को खुदरा बाजार में बेच सकते हैं. सरकार एफपीओ को हर स्तर पर बढ़ावा दे रही है और उन्हें 15 लाख रुपये तक की मदद मिल रही है. नतीजतन जैविक एफपीओ, तिलहन एफपीओ, बांस क्लस्टर और हनी एफपीओ बन रहे हैं.
(इनपुट भाषा से भी)
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