उत्तराखंड

गृह मंत्रालय ने मुंद्रा पोर्ट से जुड़े ड्रग्‍स मामले की जांच एनआईए को सौंपी

[ad_1]

नई दिल्‍ली. केंद्रीय गृह मंत्रालय (union home ministry) ने राष्‍ट्रीय जांच एजेंसी, एनआईए (NIA) को इस साल जून में गुजरात (Gujarat) के मुंद्रा बंदरगाह (Mundra port) पर एक शिपिंग खेप से जुड़े ड्रग्‍स मामले की जांच करने का आदेश दिया है. सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है. सूत्रों का कहना है कि जून की खेप, सितंबर में जब्‍त की गई हेरोइन से दोगुने आकार की थी. उन्‍होंने बताया कि खेप दिल्‍ली के एक व्‍यवसायी के नाम थी, जो अब बंदरगाह पर 3,000 किग्रा हेरोइन की जब्‍ती की जांच के केंद्र में है. सूत्रों ने बताया कि दोनों मामलों को अब मर्ज किया जाएगा.

सूत्रों ने बताया कि एनआईए को सौंपा गया मामला, राजस्‍व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) की दिल्‍ली इकाई ने सितंबर में दर्ज किया था. सूत्रों के अनुसार, यह खेप अफगानिस्‍तान के उसी ड्रग डीलर द्वारा भेजी गई थी, जो हेरोइन मामले में कथित रूप से शामिल था. खास बात है कि इसमें एक ही लोगों का समूह शामिल था. यह भी कथित तौर पर उसी मार्ग का उपयोग करते हुए वितरित किया गया था. सितंबर में मुंद्रा बंदरगाह से 21,000 करोड़ रुपए की 3000 किग्रा हेरोइन जब्‍त कर आठ लोगों, जिसमें चार अफगान नागरिकों, एक उज्‍बेक और तीन भारतीयों को गिरफ्तार किया था.

ये भी पढ़ें :   Dhanteras 2021: धनतेरस पर रांची में 2000 कार की बुकिंग, ऑटोमोबाइल सेक्‍टर में रिकॉर्ड बूम

गिरफ्तार किए गए लोगों में भारतीय दंपती एम सुधाकर और उनकी पत्‍नी दुर्गा वैशाली शामिल हैं. ये विजयवाड़ा में मेसर्स आशी ट्रेडिंग कंपनी चलाते थे. इन्‍होंने यह दावा करते हुए कि सामान भारत बुलाया था.कि इसमें एक प्रकार के पत्‍थर (टैल्क स्टोन) भरे हुए हैं. पुलिस सूत्रों ने बताया कि एक आरोपी अभी फरार है. जांचकर्ताओं को संदेह है कि उसका नाम, एक उपनाम हो सकता है या तो उसने जानबूझकर नाम बदल लिया होगा. वहीं, ज्ञात पता और संपर्क नंबर आदि सभी अमान्‍य हो गए हैं.

ये भी पढ़ें :  निपाह वायरस: क्या अगली महामारी लाएगा यह वायरस; टीके के विकास से हम कितनी दूर?

सूत्रों के अनुसार कुलदीप सिंह को जून की खेप मिली जिसे राजस्‍थान के एक ट्रांसपोर्टर के माध्‍यम से अर्ध-संसाधित तालक पत्‍थर (टैल्क स्टोन) भी घोषित किया गया था. सितंबर में डीआरआई द्वारा जब्‍त की गई हेरोइन शिपमेंट की तुलना में यह खेप मात्रा में दोगुने से भी अधिक थी. जबकि डीआरआई के अधिकारियों ने सितंबर की उस खेप को जब्‍त कर लिया था जिसमें हेरोइन थी. वे जून में शिपमेंट से चूक गए थे जो कुलदीप सिंह को सफलतापूर्वक पहुंचाई गई थी.

News18.com द्वारा एक्‍सेस की गई संयुक्‍त पूछताछ रिपोर्ट के अनुसार, जून की खेप अफगानिस्‍तान के ड्रग डीलर हसन हुसैन द्वारा विजयवाड़ा स्थित सुधाकर को भेजी गई थी. इसके बदले में कुलदीप सिंह कार्गो लाने वाले थे. लेकिन धन संबंधी मुद्दों पर खेप मुंद्रा पोर्ट पर अटकी हुई थी. सुधाकर ने कथित तौर पर कुलदीप सिंह से मदद मांगी और कहा जाता है कि कुछ ही मिनटों में, बाद वाले ने 3 लाख रुपए दिए और बाकी रकम की हवाला लेनदेन के माध्‍यम से व्‍यवस्‍था की. रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनी (आशी ट्रेडिंग कंपनी) ने 6 जून 2021 को मुंद्रा बंदरगाह (गुजरात) पर अपनी पहली खेप सफलतापूर्वक वितरित की थी. खेप में अर्ध संसाधित टैल्‍क पाउडर था और खेप दिल्‍ली की थी. इसे कुलदीप सिंह निवासी अलीपुर नई दिल्‍ली पर भेजना था.

पढ़ें Hindi News ऑनलाइन और देखें Live TV News18 हिंदी की वेबसाइट पर. जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश, बॉलीवुड, खेल जगत, बिज़नेस से जुड़ी News in Hindi.

[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *