उत्तराखंड

गणतंत्र दिवस की झांकी: कैसे और कौन करता है चयन, क्‍या है विवाद, जानें सब कुछ

[ad_1]

नई दिल्‍ली. भारत में 26 जनवरी को मनाए जाने वाले गणतंत्र दिवस समारोह (Republic Day Parade)  के दौरान झांकियों का प्रदर्शन भी किया जाता है. इसमें विभिन्न राज्यों और केंद्रीय मंत्रालयों की झांकियों को शामिल किया जाता है. हालांकि इस झांकियों को लेकर विवाद की स्थिति भी लगभग हर साल सामने आती है. राज्‍यों की आपत्ति होती है कि उनकी झांकी शामिल क्‍यों नहीं की गई. केंद्र सरकार और राज्‍य सरकार के बीच यह मुद्दा गरमाता रहा है. इस साल भी पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु के मुख्‍यमंत्री अपनी आपत्ति जता चुके हैं.

दरअसल गणतंत्र दिवस परेड (Republic Day Parade) के लिए पश्चिम बंगाल की प्रस्तावित झांकी की अस्वीकृति” पर मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी ने  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को पत्र लिखकर झांकी को शामिल करने का अनुरोध किया है. वहीं तमिलनाडु के मुख्‍यमंत्री स्‍टालिन ने भी झांकी को शामिल करने के लिए प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है. इस मामले में सरकारी सूत्रों ने बताया कि राज्‍यों के मुख्‍यमंत्री गलत परंपरा के तहत ऐसे विवाद बनाते हैं.

ये भी पढ़ें : कोरोना इलाज के लिए केंद्र ने जारी किए नए नियम, शर्तों के साथ रेमडेसिविर को मिली मंजूरी

विश्लेषण और मूल्यांकन के बाद ऐसे होता है चयन
गणतंत्र दिवस के अवसर पर राज्य, विभाग और मंत्रालय इतिहास के रूप में अपनी उपलब्धियों का प्रतिनिधित्व करते हैं जिन्हें उन्हें संबंधित झांकी द्वारा दर्शाया जाता है. यह चयन सरकार नहीं करती. इसके लिए विशेषज्ञों की समिति होती है जो कई विषयों के आधार पर प्रस्तावों की जांच करती है. झांकी प्रस्तावों का मूल्यांकन करने के लिए कला, संस्कृति, मूर्तिकला, संगीत, वास्तुकला, नृत्यकला आदि के क्षेत्र में प्रतिष्ठित लोगों की विशेषज्ञ समिति बनाई जाती है. वह विषय, अवधारणा, डिजाइन और दृश्य प्रभाव का आधार लेकर चयन की सिफारिशें करती है. वे प्रस्तावों का विश्लेषण करते हैं और समिति उनका मूल्यांकन के बाद अपना निर्णय लेती है.

ये भी पढ़ें : राफेल समेत 75 फाइटर जेट करेंगे सबसे बड़ा फ्लाईपास्ट, 26 जनवरी को दुनिया देखेगी हिन्दुस्तान की ताकत

गणतंत्र दिवस परेड के दौरान मौजूद रहेंगे करीब 24,000 लोग
कोविड-19 वैश्विक महामारी संबंधी हालात के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी में इस साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड के दौरान करीब 24,000 लोगों को उपस्थित रहने की अनुमति दी जाएगी. सूत्रों ने बताया कि देश में वैश्विक महामारी की मार पड़ने से पहले 2020 में करीब 1.25 लाख लोगों को परेड के दौरान उपस्थित रहने की अनुमति थी.


23 जनवरी से शुरू होगा गणतंत्र दिवस समारोह

एक दिन पहले शनिवार को ही सरकारी सूत्रों ने बताया कि गणतंत्र दिवस समारोह की शुरुआत अब हर साल 24 जनवरी के बजाय 23 जनवरी को शुरू होगी ताकि स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस की जयंती इसमें शामिल की जा सके. उन्होंने बताया कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के रुख के अनकूल है जो भारत के इतिहास और संस्कृति के अहम पहलुओं को मनाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है. उन्होंने रेखांकित किया कि इससे पहले बोस की जयंती को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मनाने की शुरुआत की गई थी.

Tags: Controversy, Pm narendra modi, Republic Day Parade

[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *