नक्सलियों द्वारा अपहरण की घटनाओं में भारी कमी, इस साल केवल 2 मामले आए सामने
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नई दिल्ली. उगाही के लिए नक्सलियों (Naxal) द्वारा अपहरण (Kidnapping) के मामलों में काफी कमी देखी जा रही है. गृहमंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक इस साल जून तक केवल 2 ऐसी घटनाएं सामने आई हैं. यह दोनों अपहरण झारखंड में हुए थे. जानकारी के अनुसार नक्सली कथित रूप से उद्योगपतियों, व्यापारियों और ठेकेदारों से जबरन वसूली करते हैं और इसके लिए नक्सली अपहरण का रास्ता चुनते हैं. हालांकि अब ऐसी घटनाएं कम हो गई हैं.
2020 में उगाही के मकसद से नक्सलियों द्वारा 6 अपहरण किए गए, जिसमें झारखंड में 4, और बिहार-छत्तीसगढ़ में 1-1 अपहरण की घटना हुई. वहीं 2019 में कुल 9 अपहरण के मामले सामने आए, जिसमें बिहार में 4, झारखंड में 5 अपहरण शामिल हैं. 2018 में भी नक्सलियों द्वारा उगाही के मकसद से 9 अपहरण किए गए, जिसमें झारखंड में 6, छत्तीसगढ़ में 1 और ओडिशा में 2 ऐसे मामले शामिल हैं.
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10 सालों में भारी कमी देखने को मिली
10 साल पहले ‘रेड कॉरिडोर’ में हालात बिल्कुल अलग थे. 2010 में 490 लोगों का अपहरण हुआ था, जिनमें से 113 लोगों को नक्सलियों ने मार दिया था. वहीं 2011 में कुल 329 लोगों का अपहरण हुआ, जिसमें 64 लोगों की जान नक्सलियों ने ली. 2009 में 380 लोगों का अपहरण हुआ, इनमें 93 लोगों को नक्सलियों ने मार डाला. लेकिन साल दर साल, नक्सलियों द्वारा अपहरण और हत्याओं के मामलों में कमी देखने को मिली. 2014 में कुल 138 अपहरण, 48 हत्याएं, 2015 में 115 अपहरण, 62 हत्याएं, 2016 में 112 अपहरण, 43 हत्याएं हुईं.
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तीन सालों में नक्सल हिंसा में भी आई कमी
गृह मंत्रालय के अनुसार पिछले 3 सालों में देश में नक्सली हिंसा में कमी आई है. लोकसभा को दिए लिखित बयान में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि 2020 में 665 हिंसा के मामले सामने आए जिसमें 183 लोगों की जान गई. वहीं 2019 में 670 हिंसा के मामले दर्ज हुए जिनमें 202 लोगों की जान गई थी. 2018 में 833 हिंसा के मामले सामने आए जिनमें 240 लोगों की जान गई थी. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय नीति और कार्य योजना के लागू करने के फलस्वरूप, वामपंथी उग्रवाद संबंधी हिंसा और उसके भौगोलिक फैलाव में लगातार कमी आई है.
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