अगर चुका दिया है लोन तो वाहन की RC से बैंक या फाइनेंस कंपनी का नाम हटाना हुआ ज्यादा आसान, जानें पूरी प्रक्रिया
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नई दिल्ली. दिल्ली में 31 अक्टूबर के बाद वाहनों के आरसी (RC) में से लोन देने वाली बैंक या फाइनेंस कंपनी का नाम हटाना यानी हायपोथीकेशन (Hypothecation Removal Process) आसान हो जाएगा. अब दिल्ली में नवंबर से हाइपोथीकेशन के लिए किसी भी भौतिक दस्तावेज की आवश्यकता नहीं होगी. बता दें कि अगर आपने कोई भी गाड़ी जैसे बाइक या कार लोन पर लिया है और उसका लोन आपने बैंक या फाइनेंस कंपनी को चुकता भी कर दिया है, लेकिन इसके बावजूद आपके गाड़ी की आरसी में से बैंक या फाइनेंस कंपनी का नाम नहीं हटा है और इसके लिए आपको बार-बार लोन देने वाली संस्थाओं के दफ्तरों में चक्कर काटना पड़ता है.
अब दिल्ली सरकार ने इस प्रक्रिया को और सरल बना दिया है. दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा है कि दिल्ली में पारदर्शिता बढ़ाने के उद्देश्य से दिल्ली ट्रांसपोर्ट फेसलेस हो गया है और एक बार जब सभी बैंक इस प्रक्रिया से जुड़ जाएंगे तो दिल्ली में वाहनों के हाइपोथीकेशन की प्रक्रिया पहले से कहीं ज्यादा आसान हो जाएगी.
क्या होता है हायपोथीकेशन प्रक्रिया
क्या आपने कोई भी गाड़ी जैसे बाइक, कार, ट्रक, ट्रैक्टर लोन पर लिया और उसका लोन आपने बैंक या फाइनेंस कंपनी को चुकता कर दिया है? क्या आपके गाड़ी की आरसी (RC) में ‘Hypothecated To’ लिखा आ रहा है? आपके आरसी पर लोन चुकाने के बाद भी बैंक या फाइनेंस कंपनी का नाम लिखा आ रहा है? अगर आपके साथ ऐसा हो रहा है या हुआ है तो आपको तुरंत ही हायपोथीकेशन टर्मिनेशन प्रक्रिया के लिए बैंक या फाइनेंस कंपनी में जा कर यह काम करवाना होगा. क्योंकि, बैंक या फाइनेंस कंपनी के रिकॉर्ड में अभी भी आपके द्वारा लोन ली हुई गाड़ी पर आपका हक नहीं बनता है. गाड़ी अभी भी बैंक या फाइनेंस कंपनी के नाम पर ही है.

अब दिल्ली में नवंबर से हाइपोथीकेशन के लिए किसी भी भौतिक दस्तावेज की आवश्यकता नहीं होगी.
31 अक्टूबर के बाद दिल्ली में हाइपोथीकेशन टर्मिनेशन प्रोसेस आसान
बता दें कि हाइपोथीकेशन टर्मिनेशन (एचपीटी), जिसमें वाहन ऋण पर हाइपोथीकेशन को जोड़ना, जारी रखना और समाप्त करना शामिल है. परिवहन विभाग की सबसे यह अधिक उपयोग की जाने वाली सेवाओं में से यह एक है. बुधवार को दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने वाहनों के हायपोथीकेशन टर्मिनेशन प्रक्रिया को और आसान और पारदर्शी बनाने के लिए वाहनों की खरीदारी के लिए ऋण प्रदान करने वाले सभी प्रमुख बैंकों और वित्तीय संस्थानों के साथ इस मुद्दे पर बैठक की.
दिल्ली में फेसलेस सेवाओं के तहत लिया गया फैसला
दिल्ली में फेसलेस सेवाओं की शुरुआत के बाद से ही एचपीटी के लिए 7111 आवेदन प्राप्त हुए हैं. इससे पहले एक आवेदक को ऋण के पुनर्भुगतान के बाद हाइपोथीकेशन की समाप्ति के लिए आवेदन करना होता था, जिसके तहत आवेदक को फॉर्म 35 और बैंक से एनओसी लेकर 90 दिनों के भीतर परिवहन विभाग में जमा करना होता था. परिवहन विभाग ने फेसलेस सेवाओं के लॉन्च के बाद से आटोमेटिक हाइपोथीकेशन टर्मिनेशन के लिए पहले ही आईसीआईसीआई बैंक के साथ भागीदारी कर रखी है और वाहनों की खरीद के लिए ऋण लेने वाले 7800 से अधिक आवेदकों का डेटा प्राप्त किया है.
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दिल्ली में फेसलेस सेवाओं की शुरुआत के बाद से ही एचपीटी के लिए 7111 आवेदन प्राप्त हुए हैं.
अब दिल्ली में भौतिक दस्तावेज नहीं लिया जाएगा
दिल्ली के परिवहन मंत्री ने कहा, ‘यह सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए गए हैं कि 31 अक्टूबर के बाद हाइपोथीकेशन जोड़ने और समाप्ति के संबंध में कोई भौतिक दस्तावेज नहीं लिया जायेगा. इसके अलावा हमने यह भी स्पष्ट किया है कि बैंकों या ऋण देने वाली संस्थाओं को आधार से जुड़े मोबाइल नंबर पर प्राप्त ओटीपी के माध्यम से सभी दस्तावेजों और एनओसी को सॉफ्टवेयर के माध्यम से डिजिटल रूप से जमा करना होगा, जिससे भौतिक हस्ताक्षर की आवश्यकता न पड़े. पारदर्शिता बढ़ाने के उद्देश्य से दिल्ली ट्रांसपोर्ट फेसलेस हो गया है और एक बार जब सभी बैंक इस प्रकिर्या से जुड़ जाएंगे, तो दिल्ली में वाहनों के हाइपोथीकेशन की प्रक्रिया पहले से कहीं ज्यादा आसान हो जाएगी.’
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