दुनिया ने खींचे हाथ तो तालिबान की मदद को आगे आया चीन, पैसे देकर करेगा मजबूत!
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नई दिल्ली. इस्लामिक चरमपंथी संगठन तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय संगठनों नें आर्थिक मदद पर रोक लगा दी है. माना जा रहा था कि अब तालिबान बड़े संकट में आ सकता है. लेकिन चीन एक बार फिर तालिबान का खेवनहार बनता दिख रहा है. चीन ने सोमवार को कहा है कि युद्धग्रस्त देश को मजबूत करने के लिए वो ‘सकारात्मक रोल’ अदा करेगा.
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने बिना नाम लिए अमेरिका पर निशाना साधा और उसे अफगानिस्तान त्रासदी मुख्य जिम्मेदार बताया है. वेनबिन ने यह भी कहा कि अफगानिस्तान को इस हालत में छोड़कर वाशिंगटन वापस नहीं जा सकता.
अमेरिका ने अफगान सरकार के खातों को सील कर दिया गया था
दरअसल अमेरिका के बैंकों में मौजूद अफगान सरकार के खातों को सील कर दिया गया है. राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन ने बीते सप्ताह यह फैसला किया था. प्रशासन ने यह फैसला अमेरिकी संस्थाओं में रखे करोड़ों डॉलर तक तालिबान की पहुंच पर रोक लगाने के लिए लिया. यह फैसला ट्रेजरी सेक्रेटरी जेनेट एल येलन और ऑफिर ऑफ फॉरेन एसेट्स कंट्रोल के ट्रेजरी विभाग के अधिकारियों की तरफ से लिया गया है. अधिकारी के हवाले से बताया गया था, ‘अमेरिका में अफगान सरकार की किसी केंद्रीय बैंक संपत्ति को तालिबान के लिए उपलब्ध नहीं कराया जाएगा.’ विश्व के गरीब देशों में शामिल अफगानिस्तान काफी हद तक अमेरिका की आर्थिक मदद पर निर्भर था.
IMF ने भी रोके 460 मिलियन डालर
इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भी अफगानिस्तान को मिलने वाली करीब 460 मिलियन डालर की राशि की निकासी को रोक दिया है. IMF ने ये फैसला वहां पर तालिबान के कब्जे के बाद लिया है. आईएमएफ का कहना है कि तालिबान के आने के बाद देश में असमंजस की स्थिति है.
लेकिन अब चीन के वक्तव्य के बाद लग रहा है कि तालिबान को आर्थिक मदद मिल सकती है. गौरतलब है कि अफगानिस्तान में तालिबान का शासन आने के बाद चीन, रूस और पाकिस्तान की तरफ से सबसे पहले समर्थन दिया गया था.
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