देश में ओमिक्रोन के 2600 केस तो 90 हजार मामलों में कौन सा वेरिएंट, क्या डेल्टा फिर पैदा कर रहा खतरा, जानें
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नई दिल्ली. देश में कोरोना की रफ्तार बहुत तेज हो गई है. महज एक दिन में ही 58 हजार से सीधे 90 हजार से ज्यादा मामले सामने आए हैं. हालांकि भारत में अभी तक हुई जीनोम सीक्वेंसिंग के आधार पर 2600 मामले नए वेरिएंट ओमिक्रोन के हैं. विश्व भर में हलचल पैदा करने वाले ओमिक्रोन (Omicron) को लेकर कहा जा रहा है कि यह हल्का वेरिएंट है और संक्रामक है लेकिन नुकसान नहीं पहुंचा रहा. अगर इस बात को मान भी लें तो सवाल ये है कि अगर भारत में ओमिक्रोन के सिर्फ ढाई हजार के आसपास मामले हैं तो 24 घंटे में सामने आए 90 हजार मामलों में कौन सा वेरिएंट है. अगर इन केसेज में दूसरी लहर में तबाही मचाने वाला डेल्टा (Delta) या डेल्टा प्लस वेरिएंट (Delta Plus Variant) है तो क्या एक बार फिर कोरोना खतरा पैदा कर रहा है ? या फिर तेजी से बढ़ रहे ये सभी मामले ओमिक्रोन वेरिएंट के ही हैं, लेकिन सीक्वेंसिंग न होने के चलते पता नहीं चल रहे?
इन सवालों पर बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज स्थित मॉलीक्यूलर बायोलॉजी यूनिट के हेड ऑफ द डिपार्टमेंट और जाने माने वायरोलोजिस्ट प्रोफेसर सुनीत कुमार सिंह न्यूज 18 हिंदी से बातचीज में बताते हैं कि अभी भारत में रोजाना जो भी कुल मामले सामने आ रहे हैं, उनके बारे में यह कहना उचित होगा कि वे सभी SARS-CoV2 के हैं न कि सार्स कोव-2 के किसी खास वेरिएंट के हैं. खास बात है कि कोविड के लिए सभी जाचें आरटीपीसीआर के माध्यम से ही जा रही हैं. ये वही प्रक्रिया है जो कोरोना की पहली और दूसरी लहर में डाइग्नोसिस के दौरान अपनाई गई थी. लेकिन अब चूंकि नया वेरिएंट ओमिक्रोन आ गया है. यह तेज रफ्तार से फैल रहा है और इसकी संक्रमण क्षमता बहुत ज्यादा है तो यह माना जा सकता है कि भारत में सामने आ रहे मामलों में ज़्यादातर मरीज ओमिक्रोन के हो सकते हैं. लेकिन इस बात की भी पूरी संभावना है कि इन कुल कोविड केसेज (Covid-19 cases) में अन्य पुराने वेरिएंट भी शामिल हो सकते हैं. इन कोरोना के मामलों में डेल्टा, अल्फा आदि वेरिएंट के मरीज हो सकते हैं.
जहां तक ओमिक्रोन की बात है तो भारत में अभी ढ़ाई हजार के आसपास ही ओमिक्रोन के मरीजों की पहचान हुई है. वह भी इसलिए क्योंकि इनकी जीनोम सीक्वेंसिंग हो गई है. ऐसे में भारत में कुल मामले किस वेरिएंट के हैं, ये संख्या ओमिक्रोन की वजह से बढ़ रही है या अन्य पहले रिपोर्टेड वेरिएंट्स की वजह से बढ़ रही है, कहना तब तक मुश्किल है जब तक कि एक निश्चित संख्या में सैंपलों की जीनोम सीक्वेंसिंग नहीं हो जाती. हालांकि यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि सभी सैंपलों की जीनोम सीक्वेंसिंग नहीं हो सकती है क्योंकि यह एक ज्यादा समय लेने वाली प्रक्रिया है और इसके लिए बेहतर और बड़ी संख्या में लैब इन्फ्रास्ट्रक्चर और कुशल मैनपावर की जरूरत होती है.
डॉ. सुनीत कहते हैं कि आज की तारीख में हमारे पास जो रिपोर्ट है वह कोरोना पॉजिटिव केसेज की है न कि किसी वेरिएंट की. इसलिए जो लोग सोच रहे हैं कि विदेशों से लेकर भारत तक अब सिर्फ कोरोना का नया वेरिएंट ओमिक्रोन ही फैल रहा है और यह भी हल्का वेरिएंट है, इससे बहुत खतरा नहीं है तो उन्हें बहुत सतर्क होने की जरूरत है. ओमिक्रोन के साथ साथ पहले रिपोर्टेड अन्न्य वेरिएंट भी फैल सकते हैं और लोगों में संक्रमण फैला सकते हैं. इसलिए सबसे जरूरी है कि लोग सावधानी और एहतियात बरतें .
पुराने वेरिएंट पहुंचा सकते हैं नुकसान
डॉ. सुनीत कहते हैं कि भले ही ओमिक्रोन को हल्का वेरिएंट मान लें और इसके खतरे को कम मान लें लेकिन यह भी कुछ लोगों के लिये गंभीर साबित हो सकता है. इसीलिए सरकार लगातार लोगों से यह कह रही है कि वैक्सीनेशन कराएं. इसके साथ ही सुरक्षा के इंतजामों और उपायों को अपनाएं. मास्क पहनें, सोशल डिस्टेंसिंग रखें, भीड़ में न जाएं, हाथों को बार बार साबुन से साफ करें, सेनिटाइजर का इस्तेमाल करें, अच्छा भोजन करें. ताकि कोरोना का कोई भी वेरिएंट हो, उससे बचा जा सके.
ओमिक्रोन सभी के लिए माइल्डर नहीं
वे कहते हैं कि ओमिक्रोन को लेकर भी लोगों में एक धारणा है कि यह माइल्डर है तो यह सही नहीं है. माइल्डर टर्म तुलनात्मक टर्मिनोलॉजी है. एक व्यक्ति के लिए अगर ओमिक्रोन माइल्ड है तो जरूरी नहीं कि दूसरे कि लिए भी हो. ऐसे में जो कोमोरबिड हैं यानि जिन्हें रेस्पिरेटरी संबंधी समस्याएं जैसे अस्थमा, हाइपरटेंशन, क्रॉनिक डिजीज, सांस या फेफड़ों आदि के रोग हैं या जो हृदय, किडनी आदि की समस्याओं से जूझ रहे हैं, उनके लिए ओमिक्रोन खतरनाक हो सकता है. जो स्वस्थ व्यक्ति के लिए माइल्ड है वह कोमोरबिड के लिए सीवियर या मॉडरेट हो सकता है. इसलिए इन चीजों को ध्यान रखते हुए ओमिक्रोन को लेकर भी सावधान हों और इससे बचने का प्रयास करें.
भारत में आज आए हैं 90 हजार से ज्यादा कोरोना के मामले
भारत में कोरोना के मामलों में तेजी देखी जा रही है. महज कुछ दिन के अंदर ही सात हजार कोरोना केस से 90 हजार कोरोना केस रोजाना तक आंकड़ा पहुंच गया है. पिछले 24 घंटों में भारत में 90,928 नए कोविड के मामले दर्ज किए गए हैं, जो बुधवार की तुलना में 56.5 फीसदी ज्यादा हैं. खास बात है कि बुधवार को 58,097 नए कोरोना केस रिपोर्ट हुए थे. ऐसे में सीधे 90 हजार मामलों का मिलना काफी चिंताजनक है. पिछले 24 घंटे में 325 लोगों की कोरोना संक्रमण की वजह से मौत हुई है. चूंकि ओमिक्रोन की संक्रमण दर काफी ज्यादा है जिससे संक्रमित व्यक्तियों की संख्या में इजाफा इस बात का संकेत है कि इनमें से अधिकतर केसेस ओमिक्रॉन संक्रमित व्यक्तियों के हो सकते हैं लेकिन बिना सीक्वेंसिंग डेटा के यह कह पाना संभव नहीं है. डॉ. सुनीत सलाह देते हैं कि लोग वैरिएंट की चिंता न करें बल्कि किसी भी तरह का लक्षण आने पर उचित चिकित्सीय सलाह लें और भ्रामक सूचनाओं से बचें.
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Tags: Corona Virus, Delta, Omicron Infection, Omicron variant
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