असम में मोहन भागवत बोले- पॉलिटिकल माइलेज के लिए CAA-NRC को बनाया हिन्दू मुसलमान का मुद्दा
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भागवत ने दावा किया ‘पालिटिकल माईलेज के लिए इस विषय को हिंदू मुसलमान बना दिया है.’ इससे पहले सरसंघचालक ने असम के दो दिवसीय दौरे के दौरान बुधवार को Citizenship Debate Over NRC & CAA: Assam and the Politics of History का उद्घाटन किया. इस कार्यक्रम में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा भी मौजूद थे.
Glad to attend the launch of book ‘Citizenship Debate Over NRC & CAA: Assam and the Politics of History’ authored by Prof Nani Gopal Mahanta, Guwahati University at Srimanta Sankardev International Auditorium, Kalakshetra, Guwahati today.
Best wishes to Prof Mahanta 💐 1/2 pic.twitter.com/sMGVOoUzdh— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) July 21, 2021
पुस्तक विमोचन के बाद सरसंघचालक ने कहा कि लेखक नवीन गोपाल ने 2-3 वर्ष पहले बताया था कि वह ऐसी किताब लिखने वाले हैं. पुस्तक में क्या होगा इसका विचार किए बिना मैंने उनको हां कह दिया. मुझे पता नहीं था इसमें क्या होगा. भागवत ने कहा कि ‘ वह जो भी लिखेंगे तथ्य और प्रमाणिकता के आधार पर लिखेंगे, तथ्यों को कैसे रखना है ये भी एक कला होती है. तथ्य का इंटरप्रटेशन कैसे भी हो सकता है. पुस्तक का निष्कर्ष आपके सामने आ गया है.’
हमने महसूस किया है कि हमें सीएए की आवश्यकता क्यों?- सरमा
कार्यक्रम में मौजूद सीएम सरमा ने कहा कि भाषाई और सांप्रदायिक आधार पर समाज में एक कील चलाने के लिए CAA विरोध के दौरान वाम उदारवादियों द्वारा बहुत गलत सूचना फैलाई गई थी. असम में हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों के दौरान भी यही समूह सक्रिय था. लेकिन, हमने उनके खेल को देखा है और महसूस किया है कि हमें सीएए की आवश्यकता क्यों है.
उदारवादियों के जन्म से बहुत पहले हिंदू सभ्यता ने दुनिया में धर्मनिरपेक्षता का परिचय दिया. आज, जब पाकिस्तान और बांग्लादेश में अधिकांश हिंदू, सिख, बौद्ध और जैनियों को सताया जाता है, तो यह हमारा कर्तव्य है कि हम उन्हें भारत में शरण दें जहां सच्ची धर्मनिरपेक्षता पनपती है.
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