उत्तराखंड

भारत और दक्षिण एशिया में गर्मी के दिनों में होगी भारी बारिश और बढ़ेंगी सूखे की घटनाएं: रिपोर्ट

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नई दिल्ली. जलवायु परिवर्तन पर आईपीसीसी की रिपोर्ट में सोमवार को कहा गया कि आगामी समय में भारत और दक्षिण एशिया में मॉनसून की चरम घटनाएं बढ़ने की आशंका है, जबकि कम अवधि में ही बहुत तेज बारिश का दौर बढ़ेगा. जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र द्वारा नियुक्त अंतरसरकारी समिति (आईपीसीसी) की छठी मूल्यांकन रिपोर्ट में कहा गया है कि 21वीं सदी के अंत तक दक्षिण एशियाई मॉनसून की बारिश में वृद्धि होगी.

उन्होंने कहा कि सूखे की घटनाएं बढ़ेंगी क्योंकि जमीन में नमी की मात्रा कम हो जाएगी. तापमान बढ़ने कारण पानी के वाष्प बनने की घटानाएं बढ़ेंगी जिसके कारण जमीन में नमी की मात्रा में कमी आएगी और सूखा पड़ेगा. रिपोर्ट के अनुसार, ग्लोबल वार्मिंग के कारण 1.5 से 2 डिग्री तक तापमान बढ़ने की आशंका है. भारत और दक्षिण एशिया में गर्मी के दिनों में भारी बारिश और मानसून की भविष्यवाणी की गई है.

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भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान के जलवायु परिवर्तत अध्ययन केंद्र (सीसीसीआर) के कार्यकारी निदेशक और रिपोर्ट के लेखकों में शामिल आर. कृष्णन ने कहा कि बारिश, बाढ़ और सूखे की घटनाएं बढ़ेंगी. मिट्टी से नमी खत्म होने के कारण सूखे की समस्या होगी. भूजल दोहन से भी मिट्टी की नमी खत्म होगी और इससे सूखा पड़ेगा.

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारी वर्षा पर स्थानीय भूमि उपयोग और भूमि आवरण परिवर्तन के प्रभाव के नए प्रमाण मिले हैं. शहरीकरण के कारण शहरी केंद्रों में भारी वर्षा में वृद्धि की भी आशंका है. भारत में पिछले कुछ दशकों में तेजी से शहरीकरण हुआ है. भारत में 70 प्रतिशत बारिश दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के प्रभाव से होती है और कृषि क्षेत्र इस पर बहुत हद तक आश्रित है.

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