उत्तराखंड

राजस्थान पंचायतीराज चुनाव: कांग्रेस में वंशवाद का बोलबाला, विधायकों-नेताओं ने रिश्तेदारों को उतारा मैदान में

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जयपुर. लोकसभा और विधानसभा चुनाव की ही तरह प्रदेश में पंचायतीराज चुनाव (Panchayati Raj Elections) में भी वंशवाद का बोलबाला (Dynasty dominated) नजर आ रहा है. कांग्रेस (Congress) के कई विधायक और नेता अपने-अपने रिश्तेदारों को पंचायतीराज संस्थाओं के जरिये राजनीति में स्थापित करने में जुटे हैं. इन नेताओं और विधायकों ने पार्टी में अपनी पैठ का इस्तेमाल कर परिवार के लोगों को टिकट दिलवाने में कामयाबी हासिल कर ली है. अब चुनाव जीतने के लिए पूरा जोर लगाया जा रहा है. जिला परिषद सदस्य और पंचायत समिति सदस्य का चुनाव जीतकर इन नेताओं की मंशा अपने परिवारजनों को प्रधान और जिला प्रमुख की कुर्सी पर काबिज करना है.

कई विधायकों ने तो अपने एक नहीं बल्कि कई परिवारजनों को चुनाव मैदान में उतार दिया है. कांग्रेस में टिकट वितरण में विधायकों की राय को तवज्जो दी गई थी और विधायकों ने अपने ही परिवार के लोगों को टिकट में प्राथमिकता दे डाली. कांग्रेस के 5 विधायक और कांग्रेस समर्थित 2 निर्दलीय विधायक अपने परिवारजनों को टिकट दिलवाने में कामयाब रहे हैं. इन विधायकों की मंशा पंचायतीराज चुनाव के जरिए अपने परिवार के लोगों को राजनीति में स्थापित करने की है.

भरतपुर में तो मंत्री और विधायक के परिजनों की लाइन लगी है
भरतपुर की वैर सीट से विधायक और मंत्री भजनलाल जाटव के 2 रिश्तेदार चुनाव मैदान में है. उन्होंने अपनी बेटी सुमन और बहू साक्षी को कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में उतारा है. यहां पर प्रधान की सीट चूंकि एससी वर्ग के लिए आरक्षित है लिहाजा दोनों में से किसी एक को प्रधान पद के लिए उम्मीदवार बनाया जा सकता है. भरतपुर की ही कामां सीट से विधायक और पूर्व संसदीय सचिव जाहिदा खान के तीन रिश्तेदार चुनाव मैदान में हैं. कांग्रेस विधायक जाहिदा खान ने अपने बेटे साजिद खान, बेटी डॉ. शहनवाज और देवरानी ताहिरा को चुनावी मैदान में उतारा है. जाहिदा के पति जलीस खान पूर्व में पंचायत समिति के प्रधान रह चुके हैं.

नदबई और दूदू के भी यही हाल हैं
वहीं भरतपुर की ही नदबई सीट से विधायक जोगिंदर सिंह अवाना के बेटे हिमांशु भी पंचायत समिति सदस्य का चुनाव लड़ रहे हैं. जोगिंदर सिंह अवाना बसपा के टिकट पर जीत कर आए थे और बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए थे. उधर जयपुर के दूदू से निर्दलीय विधायक बाबूलाल नागर के बेटे विकास नागर और बहू रुपाली नागर भी चुनाव मैदान में है. विकास नागर जिला परिषद सदस्य और रूपाली नागर पंचायत समिति सदस्य के तौर पर कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. विधायक नागर सीएम गहलोत के कट्टर समर्थक हैं.

ये भी ठोंक रहे हैं ताल
जोधपुर के ओसियां से विधायक दिव्या मदेरणा की मां लीला मदेरणा जिला परिषद सदस्य के लिए चुनाव मैदान में है. पूर्व सांसद बद्रीराम जाखड़ की बेटी मुन्नी देवी जाखड़ जोधपुर जिला परिषद सदस्य के लिए चुनाव लड़ रही है. सवाई माधोपुर में खंडार विधायक अशोक बैरवा के बेटे संजय बैरवा पंचायत समिति सदस्य के लिए चुनाव चुनाव लड़ रहे हैं. जबकि उनके भाई की पत्नी भूमेश पंचायत समिति सदस्य के लिए ही निर्दलीय के तौर पर चुनाव मैदान में हैं.

आज शाम तक पूरी तस्वीर साफ होगी
सवाई माधोपुर की ही गंगापुरसिटी सीट से निर्दलीय विधायक रामकेश मीणा की पुत्रवधू पंचायत समिति सदस्य का चुनाव लड़ रही है. रामकेश मीणा की पुत्रवधू पहले भी प्रधान रह चुकी है. माननीयों की नजरें प्रधानी और जिला प्रमुख जैसे पदों पर है. हालांकि नामांकन वापसी का अंतिम दिन आज है और आज शाम तक पूरी तस्वीर साफ होगी.

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