उत्तराखंड

कोरोना महामारी के बीच बढ़ते हाई ब्लड प्रेशर के मामले बढ़ा सकते हैं बोझ, विशेषज्ञों ने दी चेतावनी

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नयी दिल्ली. विशेषज्ञों ने उच्च रक्तचाप के बढ़ते मामलों पर चिंता जताते हुए इसे ‘साइलेंट किलर’ बताया है जो कोविड महामारी से तबाह देश में बीमारी के बोझ को और बढ़ा सकता है. उच्च रक्तचाप एक गंभीर चिकित्सा स्थिति है जो दुनिया में मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक है. विशेषज्ञों ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी के एक साल से अधिक समय के बाद, इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि उच्च रक्तचाप वाले लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने पर उनके गंभीर रूप से बीमार होने या मरने की आशंका अधिक होती है.

भारतीय परिवार नियोजन संघ (एफपीए इंडिया) के 72वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित एक वेबिनार में ‘एक्सपैंडिंग द होराइजन्स ऑफ सेक्सुअल एंड रीप्रोडक्टिव हेल्थ एंड राइट्स’ नामक विषय पर चर्चा आयोजित की गई थी.

एफपीए इंडिया की महासचिव डॉ कल्पना आप्टे ने कहा, ‘भारत एक महामारी के संक्रमण के दौर से गुजर रहा है. हमें अभी कदम उठाना चाहिए. इस संकट के समाधान की दिशा में, एफपीए इंडिया में हमने स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करने में दशकों के अनुभव का उपयोग करते हुए देखभाल सुविधा के अंतर की पहचान करने और अधिक अवसर पैदा करने की दिशा में काम करने का फैसला किया है, ताकि सभी आयु-समूहों, भौगोलिक क्षेत्रों और सामाजिक-आर्थिक स्तर पर उच्च रक्तचाप की जांच, उपचार और नियंत्रित करने का कोई अवसर न छूटे.’

हर्ट पेशेंट, डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों को किसी अन्य मरीज की तुलना में कोविड-19 संक्रमण होने का अधिक खतरा होता है. इन बीमारियों से ग्रसित लोग कोरोना संक्रमण के ज्यादा गंभीर लक्षण और जटिलताएं विकसित कर सकते हैं.

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