उत्तराखंड

सर्दियों में 30 ऊपर के लोगों में बढ़ रहा कमर-हाथ-पैर, मांसपेशियों का दर्द, लापरवाही पड़ सकती है भारी

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नई दिल्‍ली. सर्दी का मौसम आते ही बहुत सारी बीमारियां साथ-साथ चली आती हैं. शरीर में अकड़न, मांसपेशियों, पीठ, कमर, हाथ-पैर या शरीर के किसी भी अंग में दर्द भी ऐसी ही बीमारी है जो सर्दी बढ़ने के साथ-साथ तकलीफ को और बढ़ाती है. गर्मी के मौसम के मुकाबले सर्दी में इस प्रकार के दर्द की समस्‍या कई गुना बढ़ जाती है. यहां तक कि विशेषज्ञों का मानना है कि बच्‍चों को छोड़ दें तो हर दूसरा व्‍यक्ति सर्दी में किसी न किसी दर्द से जूझता है. कई बार यह परेशानी इतनी बढ़ जाती है कि इससे निजात पाने में लंबा वक्‍त लग जाता है और इसका असर जीवन की गुणवत्‍ता पर पड़ता है.

न्‍यूज 18 हिंदी ने इस संबंध में तीन अलग-अलग विशेषज्ञों, दिल्‍ली के राम मनोहर लोहिया अस्‍पताल के सीनियर ऑर्थोपैडिक सर्जन और एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सतीश कुमार, दिल्‍ली एम्‍स के पूर्व ह्रुमेटोलॉजिस्‍ट और बीएलके में कंसल्‍टेंट डॉ. सजल अजमानी और फिजियोथेरेपिस्‍ट डॉ. हीना से बातचीत की हैं. इनका कहना है कि यह बीमारी देखने में सामान्‍य लगती है और यही वजह है कि इसके ज्‍यादातर मरीज ओपीडी में ही इलाज के लिए आते हैं लेकिन इससे जूझ रहे लोगों पर इसका असर काफी खराब होता है. पिछले एक साल से लाइफस्‍टाइल में बदलाव होने से इन परेशानियों के मरीज बढ़ रहे हैं. हालांकि ऐसी दिक्‍कत होने पर तत्‍काल चिकित्‍सकों से परामर्श लेने के अलावा इससे बचने के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं, जिनसे काफी हद तक राहत मिल सकती है.

सर्दियों में इसलिए होता है दर्द
डॉ. सजल कहते हैं कि गर्मी के मौसम के मुकाबले सर्दियों में ये परेशानियां बढ़ती हैं. इसकी खास वजह है. सर्दी में जैसे ही तापमान गिरता है तो शरीर की ब्‍ल्‍ड वेसेल्‍स यानि रक्‍त वाहिनियां और मसल्‍स सिकुड़ने लगती हैं. इससे खून का आवागमन भी धीमा हो जाता है. ये जोड़ों के मूवमेंट को भी बाधित करने का काम करती हैं. लिहाजा इस मौसम में जोड़ों में दर्द होता है. तापमान जैसे-जैसे बढ़ता है तो ये परेशानी कम होती जाती है. हालांकि अगर किसी को गठिया की समस्‍या है तो यह सर्दी के कारण नहीं बल्कि प्रतिरक्षा प्रणाली के गलती से उन कोशिकाओं पर हमला करने के कारण होती है जो जोड़ों को जोड़ती है.

कोरोना और वैक्‍सीनेशन के साइड इफैक्‍ट से भी दर्द
डॉ. सजल बताते हैं कि कोरोना महामारी के साइड इफैक्‍ट के रूप में भी जोड़ों में दर्द, शरीर में दर्द, अंगुलियों के पोरों में दर्द, हथेली और पंजों में दर्द के मरीज काफी बड़ी संख्‍या में आए हैं. कोरोना की वैक्‍सीन लेने के कुछ महीनों तक भी लोगों को ऐसी समस्‍या रही है. ऐसे में अगर किसी को कोरोना होने के बाद ये लक्षण उभर रहे हैं तो घबराने की जरूरत नहीं है. चिकित्‍सकीय परामर्श से ये चीजें ठीक हो सकती हैं. जहां तक टीकाकरण के बाद की स्थिति की बात है तो ये महज तीन से चार महीने तक ही रहता है. लिहाजा वैक्‍सीन जरूर लगवाएं.

30 से 60 साल की उम्र में ज्‍यादा समस्‍याएं
डॉ. सतीश कहते हैं कि ठंड के मौसम में शरीर में दर्द की परेशानियां एक उम्र के बाद ज्‍यादा परेशान कर रही है. पिछले साल से कोरोना आने के बाद लाइफस्‍टाइल में हुए बदलावों से युवाओं में भी 30 की उम्र के बाद ही ये दिक्‍कतें हो रही हैं लेकिन 40 के बाद इसका दायरा ज्‍यादा बढ़ रहा है. इस उम्र के लोगों को शरीर में कहीं न कहीं दर्द की शिकायतें हो रही हैं. हालांकि ऐसे मरीजों को इमरजेंसी इलाज की जरूरत नहीं पड़ती. डॉ. सजल कहते हैं कि यह एक अच्‍छी बात है कि 95 फीसदी से ज्‍यादा मरीज ओपीडी में आकर इलाज लेकर ठीक हो जाते हैं.

लापरवाही पर हो सकता है टेढ़ापन
डॉ. सजल कहते हैं कि जोड़ों का दर्द तब जाकर खतरनाक हो जाता है, जब यह गठिया का रूप ले ले. इसलिए जरूरी है कि किसी भी दर्द को नजरअंदाज न करें. पीठ या कमर के दर्द को भी हल्‍के में न लें. साथ ही हाथ-पैरों में दर्द के साथ सूजन भी है तो यह गंभीर समस्‍या हो सकती है, जिसके इलाज में भी लंबा वक्‍त लग सकता है. कई बार देखा गया है कि अगर दर्द का इलाज नहीं कराया जाता तो जोड़ों में या शरीर में अंगों में टेढ़ेपन की समस्‍या पैदा हो जाती है. ऐसे में इसको लेकर लापरवाही न की जाए.

ये किए जाएं उपाय तो हो सकता है लाभ 
फिजियोथेरेपिस्‍ट डॉ. हिना कहती हैं कि सर्दी में लगभग सभी लोगों को आज पीठ में दर्द या जोड़ों में दर्द की परेशानी हो रही है. हालांकि अगर लोग कुछ चीजों का ध्‍यान रखें तो सर्दियों में भी उनका जीवन बेहतर हो सकता है.
. आजकल लंबे समय तक बैठकर काम करने के चलते लोगों को पीठ या कमर में दर्द की शिकायत ज्‍यादा हो रही है. ऐसे में जरूरी है कि वे एक लंबी सिटिंग में कई बार ब्रेक लें, कुर्सी से उठें और थोड़ा सा घूमें. इस दौरान लोग शरीर को स्‍ट्रेच करें. ताकि शरीर में मूवमेंट हो और ब्‍लड सर्कुलेशन ठीक रहे. सर्दी में सुबह के समय पीठ या कमर में दर्द सबसे ज्‍यादा होता है या एड़‍ियों में दर्द होता है, उसमें फायदा मिलता है.
. रात को कोशिश करें कि थोड़ी देर करीब 15 मिनट गर्म पानी में पैर रखें. इससे पैरों को ही नहीं पूरे शरीर को आराम मिलेगा.
. लोग सोचते हैं कि वे गर्म पानी से नहा रहे हैं, इससे सिकाई होगी और फायदा होगा तो ये ठीक नहीं है. इससे शरीर पर खास फर्क नहीं पड़ता क्‍योंकि इसमें समय बहुत ज्‍यादा नहीं लगता.
.पीठ या कमर में दर्द की शिकायत है तो लोग रोजाना रात को 15 मिनट के लिए बेड पर पेट के बल भी लेट सकते हैं. इसके बाद करवट लेकर फिर सीधे लेट सकते हैं. इससे हमारी पीठ या कमर फ्री हो जाती है. जिससे मसल्‍स में सर्कुलेशन बेहतर होता है और राहत मिलती है.
. इसके अलावा सुबह-सुबह लोगों को व्‍यायाम और योग करना चाहिए.
. रात में लोग खट्टा और ज्‍यादा भारी भोजन जैसे राजमा या कढी आदि न खाएं. इसके साथ ही रात में ज्‍यादा प्रोटीन वाली चीजें भी न खाएं. यूरिक एसिड वालों को इससे और ज्‍यादा परेशानी हो सकती है.
. लोगों को सुबह धूप की पहली किरण में बैठना भी फायदेमंद होता है. जबकि लोग दोपहर में धूप में बैठते हैं और सोचते हैं कि सिकाई हो रही है, लेकिन इसका विशेष फायदा नहीं होता.

Tags: Cold, Cold wave, Joint pain, Winter



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