उत्तराखंड

उत्तराखंड: किसानों का भारत बंद, कई जगह प्रदर्शन और जाम, पुलिस ने बिठाया सख्त पहरा

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देहरादून. कृषि कानून (Agriculture Law) के खिलाफ किसानों के भारत बंद (Bharat Bandh) का उत्तराखंड (Uttarakhand) के कई जिलों में असर देखा गया है. किसानों के इस बंद को व्यापारियों के साथ कई संगठनों ने समर्थन का ऐलान किया था. राजनीतिक दल भी किसानों के साथ खड़े दिखे. इसको लेकर पुलिस ने भी जिलों में विशेष अतिरिक्त फोर्स की तैनाती कर स्थिति को नियंत्रण में रखा है. बंद को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किए जा रहे हैं. पुलिस-प्रशासन अलर्ट मोड पर है.

कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन में भारत बंद को व्यापारियों का पूर्ण समर्थन मिला है. उत्तराखंड के देहरादून समेत रुद्रपुर, नानकमत्त्ता, खटीमा, काशीपुर, रुड़की व अन्य शहरों में सभी छोटी-बड़ी दुकानें व्यापारियों ने स्वयं ही बंद रखीं हैं. व्यापारी संगठनों ने अपनी स्वेच्छा से किसानों को समर्थन दिया है. इसको लेकर किसानों ने कई जगह प्रदर्शन किया है. किसानों ने नारेबाजी करते हुए शांतिपूर्ण मार्च निकाला, जिसमें सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. कई जगहों पर चक्का जाम कर दिया गया.

किसानों के प्रदर्शन पर पुलिस भी पैनी नजर बनाए हुए है. किसानों के भारत बंद के ऐलान को लेकर प्रशासन की ओर से बंद के दौरान किसी भी तरह की अराजकता को बदर्शत नहीं करने की हिदायत भी दी गई है. वहीं काशीपुर में भारत बंद को लेकर जगह-जगह चक्का किया गया है. देहरादून में भी कई जगहों पर सरकार के खिलाफ नारेबाजी और प्रदर्शन किया गया.

डीजीपी ने सभी लोगों से बंद को शांतिपूर्वक रखने की अपील की है. साथ ही स्थानीय पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि यदि कोई बंद के दौरान जबरदस्ती करे तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. डीजीपी ने सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.

देहरादून में कई जगह किसानों के प्रदर्शन को व्यापारियों और राजनीतिक दलों का सहयोग मिला है. किसानों ने सरकार से कानून वापस नहीं लेने तक आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया है. वहीं एसएसपी जन्मेजय खंडूरी का कहना है कि भारत बंद के मद्देनजर पुलिस की ब्रीफिंग की गई है और हर थाना इंचार्ज को भी सतर्क रहेने के आदेश दिए गए हैं. सभी को निर्देशित किया गया है कि पुलिस बातचीत से पहले हल निकाले. किसी भी प्रकार के लॉ एंड ऑर्डर न बिगड़े ये सुनश्चित करें. साथ ही जिले में इसके लिए फोर्स को बढ़ाया गया है, जिसमें पीएसी की 5 कम्पनियां को जिम्मेदारी दी गई है. रिजर्व फोर्स में पीएसी के एक प्लाटून को रखा गया है. साथ ही दो टीमें ATS यानि कि एंटी टेररिज्म स्क्वाड को भी रिजर्व रखा गया है. अगर किसी भी प्रकार का बबाल हुआ तो इनका भी उपयोग किया जायेगा. लॉ एंड आर्डर मेंटेन करने के निर्देश जिले में सभी प्रभारियों को दिए गए हैं. पीएसी के साथ ही एन्टी टेरेरिस्ट स्कॉड को भी जरूरत पड़ने पर तैनात किया गया है.

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