उत्तराखंड

भारत नहीं हो सका रूस के स्पुतनिक वी वैक्सीन का फुल रोलआउट, जानें कहां गलत हुआ?

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नई दिल्ली. कोरोना वायरस-रोधी वैक्सीन स्पुतनिक वी की दूसरी खुराक के अनुमानित उत्पादन की धीमी रफ्तार, भारी कोल्ड स्टोरेज की जरूरतें, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की ओर से मंजूरी का इंतजार, रूस में बढ़ते कोविड-19 मामले और निजी अस्पतालों में कम मांग ने भारत में रूसी वैक्सीन के पूरी तरह से विस्तार पर ब्रेक लगा दिया है. अप्रैल के दूसरे सप्ताह में देश के दवा नियामक से मंजूरी मिलने के बाद स्पुतनिक वी वैक्सीन को पहली बार 1 मई को भारत में लॉन्च किया गया था.

मॉस्को स्थित गमलेया नेशनल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी द्वारा विकसित स्पुतनिक वी को रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा पंजीकृत किया गया था और इसके साथ ही यह “कोरोना वायरस के खिलाफ दुनिया का पहला पंजीकृत टीका” बना था. छह महीने से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन स्पुतनिक अभी तक पूरे भारत में व्यावसायिक रूप से उपलब्ध नहीं है. भारत के कुल 116 करोड़ टीकाकरण में से केवल 11.13 लाख खुराक ही स्पुतनिक वी के थे.

सितंबर की शुरुआत तक भारत को ‘स्पुतनिक वी’ के कितने डोज मिले
सितंबर की शुरुआत तक, दवा निर्माता डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज – जो कि रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (आरडीआईएफ) के साथ एक समझौते के तहत भारत में स्पुतनिक वी का एकमात्र वितरक है – को स्पुतनिक वी के करीब 31 लाख फर्स्ट डोज कम्पोनेंट्स और दूसरी खुराक के तौर पर करीब 4.5 लाख सेकेंड डोज कम्पोनेंट्स हासिल हुए थे.

डॉ रेड्डीज ने ‘स्पुतनिक वी’ के प्रोडक्शन पर क्या कहा
दो खुराक के स्टॉक के “उतार-चढ़ाव” ने भारत में स्पुतनिक वी वैक्सीन के रोलआउट को रोक दिया था. वैक्सीन विशेषज्ञों का कहना है कि स्पुतनिक वी की सबसे बड़ी चुनौती दूसरी खुराक के उत्पादन में है – जिसे प्रयोगशाला में अच्छी तरह से तैयार करने और असेंबल के मामले में विशेषज्ञों द्वारा अधिक “जटिल” कहा जाता है. हालांकि, डॉ रेड्डीज के अनुसार, सितंबर से स्थिति नियंत्रण में आ गई है और इसके लिए उसने वैक्सीन की दूसरी खुराक के घरेलू उत्पादन को धन्यवाद कहा है.

Tags: Coronavirus, India, Russia, Sputnik V



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