उत्तराखंड

तालिबान से संबंध पर भारत ‘Wait & Watch’ पॉलिसी अपनाएगा भारत, विदेश मंत्रालय ने बताई बड़ी चुनौती

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नई दिल्ली. तालिबान के मसले पर भारत वेट एंड वॉच की पॉलिसी अपनाने का फैसला किया है. भारत का मानना है की दुनिया के बड़े देश भी अभी तालिबान से संबंध को लेकर कोई फैसला नहीं किया है ऐसे में भारत वेट एन्ड वॉच पॉलिसी अपनाएगा. सरकार की तरफ से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में विदेश मंत्रालय की तरफ से यह जानकारी दी गई है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सभी पार्टियों के प्रतिनिधियों को बताया की सरकार की पहली प्राथमिकता अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों को निकालना है. सर्वदलीय बैठक में विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला की तरफ से अफगानिस्तान पर एक प्रेजेंटेशन भी दिया गया.

सर्वदलीय बैठक में विदेश मंत्रालय की तरफ से सभी दलों के प्रतिनिधियों को बताया गया की काबुल एयरपोर्ट से भारतीयों को निकालने में कई तरह की चुनौतियां सामने आ रही है. विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया निरंतर काबुल एयरपोर्ट के आसपास और काबुल में फायरिंग की घटनाएं हो रही है जो फंसे भारतीयों को निकालने में एक बड़ी चुनौती के तौर पर सामने आ रही हैं. इसके अलावा कई चेक प्वॉइंट हैं जिसपर अलग अलग ग्रुप की निगरानी में है जिसकी वजह से एयरपोर्ट पर लाने में लोगों को दिक्कत हो रही है. इसके अलावा एयरपोर्ट पर कई तरह के मसले सामने आ रहे हैं. विमानों के लिये लैंडिंग की अनुमति मिलने में भी देरी हो रही है. इसके अलावा कई देशों से भारतीय वायुसेना के विमान के लिये अनुमति लेना भी एक चुनौती है क्योंकि पाकिस्तान के एयरस्पेस का इस्तेमाल भारतीय वायुसेना का विमान नहीं कर सकते. इसके अलावा ज़मीन पर कोऑर्डिनेशन भी एक बड़ी समस्या है.

बैठक के बाद विभिन्न दलों की क्या राय है?
बैठक के बाद कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि जब हमें जमीनी सच्चाई मालूम होगी या जो चीजें हमें बताई गई है उसका अगर समाधान होगा तो उसी वक्त हम समझेंगे की सारी चीजें ठीक हो गई हैं. खड़गे ने कहा कि तालिबान से संपर्क स्थापित करने के मसले पर सरकार का रूख अभी Wait एन्ड Watch का है.

आरजेडी सांसद प्रेमचंद गुप्ता ने बैठक के बाद कहा कि सभी पार्टियों ने अपनी मसले को उठाया यह मसला देश का है किसी पार्टी का नहीं. सरकार ने जवाब दिया. आरजेडी सांसद ने कहा कि इससे ज्यादा सरकार क्या कर सकती है. टीएमसी ने लोगों की वापसी और अफगानिस्तान में भारतीय प्रोजेक्ट और निवेश पर सरकार से स्थिति स्पष्ट करने को कहा.

कुल 6 मंत्री सर्वदलीय बैठक में हुए शामिल
अफगानिस्तान संकट पर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में सरकार की तरफ़ से कुल 6 मंत्री शामिल हुए. विदेश मंत्री एस जयशंकर के अलावा संसदीय कार्यमंत्री प्रल्हाद जोशी, वाणिज्य मंत्री और राज्यसभा के नेता पीयूष गोयल, दोनों विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरन और विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी और संसदीय कार्य राज्यमंत्री अर्जुन मेघवाल ने शिरकत की.

सरकार के मंत्रियो के अलावा सभी दलों के प्रतिनिधियों ने अफगानिस्तान संकट पर बैठक में हिस्सा लिया. कांग्रेस की तरफ से मल्लिकार्जुन खड़गे, अधीर रंजन चौधरी और आनंद शर्मा, एनसीपी से शरद पवार, टीएमसी से शुखेदु शेखर रॉय और सौगातो रॉय, आरजेडी से प्रेमचंद गुप्ता, शिवसेना से गजानन कीर्ति, डीएमके से तिरुचि शिवा, समाजवादी पार्टी से बिशम्भर प्रसाद निषाद, आम आदमी पार्टी से एनडी गुप्ता, जेडीयू से ललन सिंह, बीजेडी से प्रसन्ना आचार्या, सीपीआई से बिनय विश्वम, AIADMK से नवनीत कृष्णन ने हिस्सा लिया.

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