मोबाइल चोरी के इंटरनेशनल रैकेट का भंड़ाफोड़, मुंबई से दबोचा मास्टरमाइंड, बांग्लादेश, थाईलैंड, सूडान भेज चुका है 5,000 मोबाइल
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दक्षिण पश्चिम जिला उपायुक्त इंगित प्रताप सिंह के मुताबिक जिले के स्पेशल स्टाफ की टीम ने हाल ही में रिसीवर्स (04 आरोपी) के एक अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया था, जो मुंबई में अपने समकक्ष को चोरी हुए मोबाइल फोन खरीदने और बेचने का काम करता थे. पूछताछ के दौरान उन्होंने खुलासा किया कि, स्नैचर्स/लुटेरों और मेवाती गिरोह से खरीदे गए सभी मोबाइल फोन, एक हसम जो मुंबई का निवासी है, को बेच देते थे. तभी से स्पेशल स्टाफ की टीम आरोपी हसम को पकड़ने में लगी हुई थी.
डीसीपी इंगित प्रताप सिंह के मुताबिक 13 जुलाई को उप निरीक्षक मुकेश की अध्यक्षता में हवलदार सतीश, सिपाही नंद किशोर और सिपाही नवीन के साथ विशेष स्टाफ की एक टीम आरोपी को पकड़ने के लिए मुंबई रवाना हुई. टीम के प्रयासों से आरोपी हसम रहीस कुरैशी पुत्र मोहम्मद आरिफ को मुंबई, महाराष्ट्र से पकड़ लिया गया.
पूछताछ के दौरान, यह पता चला कि आरोपी हसम पिछले 5 वर्षों से भारत के विभिन्न राज्यों के विभिन्न डीलरों से चोरी हुए मोबाइल फोन का अभ्यस्त प्राप्तकार्ता था. वह करीब 1 साल पहले आरोपी मोहम्मद अलीम निवासी फिरोजाबाद, यूपी के संपर्क में आया था और कूरियर के माध्यम से मोहम्मद अलीम से चोरी हुए मोबाइल फोन प्राप्त कर रहा था.
इन मोबाइल फोनों को मेवाती गैंग ने दिल्ली और एनसीआर में विभिन्न मोबाइल दुकानों के शटर तोड़कर चोरी किया था. उसने इन चोरी हुए मोबाइल फोनों को सीमा पर कूरियर द्वारा और अगरतला (त्रिपुरा) से वाहकों के माध्यम से अपने समकक्ष अयान को बांग्लादेश भेज दिया.
हवाला के जरिए प्राप्त करता था चोरी के मोबाइल फोन के एवज में राशि
वह उन चोरी हुए मोबाइल फोन के एवज में हवाला के माध्यम से पैसा प्राप्त करता था और विभिन्न चोरी के मोबाइल फोन डीलरों के खाते में अपना कमीशन काटकर नकद पैसे जमा करता था. पिछले 6 महीनों में उसके द्वारा आलिया ट्रेडर्स (मो. अलीम) के खाते में लगभग 35,00,000/- (35 लाख) जमा किए.
आरोपी का भाई भी मुंबई में चोरी के लैपटॉप और कार स्टीरियो का रिसीवर
आरोपी हासम शेरपुर, द. गढ़, जिला. हापुड़, यू.पी. गांव का स्थाई निवासी है और अब पिछले 19 सालों से मुंबई में ही रहता हैं. उसका बड़ा भाई कासम मुंबई के चोर बाजार में चोरी के लैपटॉप और कार स्टीरियो का रिसीवर था और इसमें हासम उसकी मदद करता था. कुछ समय बाद, वह मुंबई में स्थानीय मोबाइल चोरों और लुटेरों के संपर्क में आया और सूरत, गुजरात में एक निजाम को चोरी के मोबाइल की आपूर्ति शुरू कर दी.
हासम के बैंकॉक और सूडान में काम करने वालों से भी थे संपर्क
निज़ाम चोरी के सामानों का एक बड़ा व्यापारी था और उसने हासम को अयान निवासी बांग्लादेश से मिलवाया. हासम ने मालदा और अगरतला में कूरियर द्वारा अपने वाहकों से अयान को चोरी किए गए मोबाइल फोन की आपूर्ति शुरू कर दी. बाद में वह बांग्लादेश के अधिक डीलरों जैसे जहूर, परवेश और मुन्ना और एक टोनी के संपर्क में आया जो बैंकॉक और सूडान में काम करता है.
आरोपी के खिलाफ मुंबई में पहले से ही 7 मामले हैं दर्ज
आरोपी के खिलाफ अकेले मुंबई में ही अलग-अलग थानों में 7 मामले विभिन्न धाराओं में पहले से ही दर्ज किए हुए हैं. स्पेशल स्टाफ ने आरोपी के पास से अगरतला (त्रिपुरा) और मालदा (पश्चिम बंगाल) को भेजे गए चोरी के मोबाइल फोन की खेप की डीटीडीसी कंपनी की 12 कूरियर रसीदें प्राप्त किए हैं वहीं पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय मोबाइल तस्करी सिंडिकेट के इस मॉड्यूल मे एक बड़े नेटवर्क का हिस्सा होने का संदेह जताया है और इस संबंध में आगे की जांच शुरू कर दी है.
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