क्या छत्तीसगढ़ में PM-CARES फंड से तैयार ऑक्सीजन प्लांट की सही देखरेख नहीं हो रही? केंद्र ने दिया जवाब
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नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने उन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है, जिसमें कहा गया था कि छत्तीसगढ़ में ऑक्सीजन के लिए बनाए गए पीएसए संयंत्रों की देखरेख ठीक से नहीं की जा रही है. केंद्र ने सोमवार को जारी अपने बयान में कहा, “कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह आरोप लगाया गया है कि छत्तीसगढ़ में PM-CARES फंड के माध्यम से स्थापित PSA संयंत्रों का रखरखाव ठीक से नहीं किया जा रहा है. इस तरह की मीडिया रिपोर्ट्स भ्रामक और गलत सूचना देने वाली होती हैं और तथ्यों पर आधारित नहीं होती हैं.”
सरकार ने आगे कहा, “यह स्पष्ट किया जाता है कि छत्तीसगढ़ में विभिन्न स्रोतों से 122 PSA संयंत्र स्थापित किए गए हैं, जिनमें से 49 संयंत्र PM-CARES के तहत स्थापित और चालू किए गए थे. 1000 घंटे चलने के बाद, मेडिकल ऑक्सीजन का उत्पादन करने के लिए पीएसए संयंत्रों में इस्तेमाल होने वाले अवशोषक जिओलाइट को बदलने की जरूरत है.”
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सरकार ने बताया, “उद्योग के मानदंडों के अनुसार, जिओलाइट की Shelf Life 3 से 5 साल है और इस अवधि के बाद ही इसे बदला जाना चाहिए. इसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा धनराशि स्वीकृत की गई है. 49 में से 13 संयंत्र साइट/वेंडर मुद्दों के कारण काम नहीं कर रहे थे, जिन्हें पहले ही राज्य के साथ साझा किया जा चुका है.”
https://www.youtube.com/watch?v=ZvKjfQ4YToM
गौरतलब है कि कोरोना वायरस की पहली और दूसरी लहर के दौरान बड़ी संख्या में अस्पताल में भर्ती मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी थी, जिसके बाद से ही मेडिकल ऑक्सीजन को बनाने के लिए संयंत्र स्थापित करने पर जोर दिया गया.
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