उत्तराखंड

ओमिक्रॉन के खतरे के बीच घर में धूमन देना फायदेमंद, अब आयुष ने भी दी सलाह

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नई दिल्‍ली. देशभर में कोरोना के खिलाफ लड़ी गई जंग में न केवल एलोपैथी बल्कि आयुर्वेद ने भी जबरदस्‍त योगदान दिया है. कोरोना की दोनों लहरों के दौरान आयुर्वेदिक उपायों को अपनाकर बहुत बड़ी संख्‍या में लोगों ने कोरोना से बचाव किया था. साथ ही हल्‍के लक्षणों की स्थिति में खुद को इन उपायों से ठीक भी कर लिया था. इम्‍यूनिटी बेहतर करने में कारगर रहे इन आयुर्वेदिक उपायों को समय-समय पर आयुष मंत्रालय जारी करता रहता है. हाल ही में देश में कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के खतरे के बीच आयुष की ओर से नई सिफारिशें जारी की गई हैं. जिनमें लोगों से कई मामलों में सावधानी बरतने के साथ ही खानपान से लेकर रहन-सहन में बदलाव करने की सलाह दी गई है.

आयुष मंत्रालय की ओर से जारी की गई सिफारिशों में कहा गया है कि कोविड-19 एक नई बीमारी है. इससे गुजरने के बाद पोस्ट-कोविड सिंड्रोम और लॉन्ग कोविड-19 जैसे सीक्‍वल भी देखे जा रहे हैं. यह देखा गया है कि सार्स-कॉव-2 से ठीक होने वाले मरीज़ लगातार और अक्सर, कमजोर करने वाले लक्षणों से पीड़ित होते हैं, और ये कई महीनों तक चलते हैं. इतना ही नहीं कोरोना के नए-नए वेरिएंट भी सामने आ रहे हैं. लिहाजा बहुत जरूरी है कि लोग अपना ध्‍यान रखें और बचाव के तरीके अपनाते रहें. इसी को लेकर आयुष ने सिफारिशों का दस्‍तावेज जारी किया है.

आयुष की ओर से बताए गए उपायों में प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने के तरीकों, स्थानीय म्युकोसल प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने के तरीकों के साथ-साथ अन्य निवारक उपायों जैसे धूमन (धूपना) की सिफारिश की गई है. मंत्रालय का कहना है कि घरों में फ्यूमिगेशन या धूमन देना काफी फायदेमंद हो सकता है. पहले के समय में लोग मच्‍छर, बैक्‍टीरिया या वायरस आदि से बचाव के लिए ये उपाय अपनाते थे. इसके अलावा भूख और आहार व्‍यवस्‍था को भी समझना जरूरी है ताकि कमजोर पाचन और पोषण की वजह से संक्रमण को भी समझा जा सके.

पहली बार मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य पर दिया जोर
आयुष ने पिछली दो लहरों के बाद इस बार पहली बार कोविड-19, पोस्ट या लॉन्ग कोविड-19 के लिए मानसिक स्वास्थ्य के लिए सिफारिशें और मानसिक ताकत (सत्वबाला) बढ़ाने के उपाय भी बताए हैं जो पिछली बार की सिफारिशों में शामिल नहीं थे. इसके अलावा आसानी से पचने योग्य भोजन (लघु अहार) जैसे मूंग दाल (हरा चना) खिचड़ी और मुडगा युशा (मूंग की दाल का सूप) के व्यंजनों को भी प्रमुख आहार के रूप में शामिल किया गया है.

योग और कोविड व्‍यवहार जरूरी
आयुष ने आम लोगों से योग और आसनों को जीवनशैली में शामिल करने की सलाह दी है. साथ ही कोविड-19 उपयुक्त व्यवहार और सावधानी को अनिवार्य बताया है. स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार मास्क का उपयोग, हाथों को बार-बार धोना, शारीरिक या सामाजिक दूरी, कोविड श्रृंखला को तोड़ने के लिए टीकाकरण, स्वस्थ पौष्टिक आहार, प्रतिरक्षा में सुधार और अन्य सभी सामान्य स्वास्थ्य देखभाल उपायों की सलाह दी गई है.

अभी तक भारत में हो चुकीं पौने पांच लाख मौतें
मंत्रालय का कहना है कि कोविड-19 महामारी दुनिया भर में मानव अस्तित्व को प्रभावित करने वाली एक अभूतपूर्व स्वास्थ्य चुनौती बन गया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, सार्स-कॉव 2 ने अब तक विश्व स्तर पर 271 मिलियन से अधिक व्यक्तियों को संक्रमित किया है और सीधे तौर पर 5.3 मिलियन से अधिक मौतों के लिए जिम्मेदार है. वहीं भारत में अब तक 34.7 मिलियन कोविड-19 मामले सामने आ चुके हैं, जबकि अब तक 4.76 लाख मौतें हो चुकी हैं. भारत में 1.34 अरब कोविड टीकाकरण की खुराक दी जा चुकी हैं.

Tags: Ayush Training, Ayushman Bharat, Ayushman Bharat scheme, Ayushman Bharat-National Health Protection Mission



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