ITBP: सरदार पटेल कोविड सेंटर में 13 हजार मरीजों का इलाज करने वाले ये डॉक्टर हुए पास आउट
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नई दिल्ली. भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के 38 युवा डॉक्टरों के एक समूह ने 24 सप्ताह के बुनियादी प्रशिक्षण को पूरा कर लिया है. यह सहायक कमांडेंट/चिकित्सा अधिकारियों के एक बैच के लिए राजपत्रित अधिकारी कम्बैटाइजेशन कोर्स के तहत प्रशिक्षण पूरा किया है.
आईटीबीपी अकादमी के परेड ग्राउंड में एक औपचारिक पासिंग आउट परेड और शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया गया. इसमें इन नव अधिकारियों ने राष्ट्र की सेवा के लिए खुद को समर्पित करने की शपथ ली. आईटीबीपी के महानिदेशक संजय अरोरा ने युवा डॉक्टरों को रैंक लगाए. इस प्रशिक्षण के प्रारंभ एवं मध्य में इन चिकित्सा अधिकारियों (जिसमें 14 महिला चिकित्सक भी शामिल हैं, ने सरदार पटेल कोविड केयर सेंटर, (SPCCC) राधा स्वामी ब्यास छतरपुर, नई दिल्ली में कोविड-19 (COVID-19) की ड्यूटी पर तैनात रहकर सेवाएँ दी हैं.
कोविड-19 की पहली और दूसरी लहर के दौरान, आईटीबीपी द्वारा संचालित एसपीसीसीसी ने 13,000 से अधिक कोविड -19 रोगियों का इलाज किया है. ये डॉक्टर कोविड -19 कर्तव्यों का निर्वहन करने और इस विशाल कोविड केंद्र का अनुभव प्राप्त करने के बाद प्रशिक्षण पूरी करने के लिए अकादमी लौट आए. इस अनुकरणीय सेवा के लिए प्रशिक्षु अधिकारियों को उनकी प्रशिक्षण अवधि के दौरान ही महानिदेशक के प्रशस्ति पत्र और प्रतीक चिन्ह से सम्मानित किया गया था.
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इन अधिकारियों को टैक्टिक्स, वेपन हैंडलिंग, फिजिकल ट्रेनिंग, इंटेलिजेंस, फील्ड इंजीनियरिंग, मैप रीडिंग, एडमिनिस्ट्रेशन, लॉ और ह्यूमन राइट्स जैसे विभिन्न विषयों में प्रशिक्षित किया गया, जिससे वे चिकित्सा अधिकारियों के रूप में अपने कर्तव्यों के साथ आईटीबीपी के कार्यों के अनुरूप प्रशिक्षित हुए और इससे उनको आईटीबीपी में कर्तव्यों का निर्वहन करने के लिए तैयार किया जा सका है.

ITBP पासिंग आउट परेड के दौरान Dy. कमांडेंट (पति) डॉ अश्विनी कुमार को सेल्यूट करती डॉ पूनम धमातिया (पत्नी) AC/MO
आईटीबीपी के महानिदेशक संजय अरोरा ने परेड की सलामी ली और परेड की समीक्षा की. महानिदेशक ने पास आउट हो रहे अधिकारियों को शुभकामनाएं दीं. अरोरा ने पूर्व में आईटीबीपी अकादमी मसूरी में 1997 कमांडेंट (प्रशिक्षण) के रूप में आईटीबीपी में सेवाएँ दी हैं. उन्होंने युवा अधिकारियों को गौरवशाली इतिहास और बल के अनुशासन के उच्च मानकों के बारे में याद दिलाया.
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उन्होंने कहा कि आईटीबीपी को 18,800 फीट तक की ऊंचाईयों पर सीमा चौकियों पर अत्यंत कठोर इलाकों में तैनात किया जाता है, जहां तापमान माइनस 45 डिग्री तक गिर जाता है. हिमालय में उच्च ऊंचाई वाली सीमाओं की रक्षा के अलावा, बल आंतरिक सुरक्षा, आपदा प्रबंधन आदि में तैनात है और हमेशा मातृभूमि की सेवा करके दिया है.
एसी/एमओ डॉ विशाल चौधरी को बैच के बेस्ट इन इंडोर, बेस्ट इन आउटडोर और ओवरऑल बेस्ट ट्रेनी की ट्रॉफी से सम्मानित किया गया. इस अवसर पर नीलाभ किशोर, महानिरीक्षक/निदेशक अकादमी और ब्रिगेडियर (डॉ) राम निवास वी एस एम डीआईजी (प्रशिक्षण) आदि भी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे.
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