उत्तराखंड

Jammu and Kashmir: कश्‍मीर में बढ़ रहे आतंकी हमले पर चौतरफा प्रहार करने में जुटीं सुरक्षा एजेंसियां

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श्रीनगर. कश्‍मीर (Kashmir) में एक बार फिर आतंकी गतिविधियां तेज हो गई हैं. नए तरीके से किए जा रहे आतंकवादी हमले (Terrorist Attack) अब सुरक्षाबलों के लिए चुनौती बन चुके हैं. आतंकी संगठनों (Terrorist Organization) ने घाटी में हमले तेज करने के लिए बिना प्रशिक्षण के कट्टरपंथ के जरिये ब्रेनवाश कर युवाओं के हाथ में हथियार थमाए जा रहे हैं. पीओके में नए आतंकी लांचिंग पैड बनाए गए हैं और भारत में दाखिल होने के लिए नए रास्‍ते इजाद किए जा रहे हैं. आतंकी घटनाओं को देखते हुए अब भारतीय सुरक्षाबलों ने भी कमर कस ली है. सुरक्षा एजेंसियां बड़े खतरे को भांपकर अब आतंकियो के खिलाफ सघन अभियान चला रही हैं. सुरक्षा एजेंसी आतंक पर प्रहार करने के लिए इस बार एनआईए, सीबीआई, ईडी जैसी कई एजेंसियों के साथ मिलकर रणनीति तैयार कर रही है.

अपनी सरजमीं पर आतंकवाद को पालने वाले पाकिस्‍तान का चेहरा अब पूरी दुनिया के सामने बेनकाब हो चुका है. हालात ये हो चुके हैं क‍ि पाकिस्‍तान की शह पर दुनियाभर में आतंकवाद फैलाने वाले कई आतंकवादी संगठनों ने अब अपने नाम बदल लिए हैं. लश्कर-ए-तैयबा अब आतंकी ट्रेनिंग से लेकर स्लीपर सेल बनाने के लिए अल-बुर्क़ के नाम से काम कर रहा है. इसके साथ ही इसी नाम से तमाम सक्रिय गतिविधियों को आगे बढ़ाने में जुटा हुआ है. पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI भी खुलकर उसकी मदद कर रही है. इसी तरह आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद का नाम बदलकर उसका एक छद्म नाम अल उमर मुजाहिदीन रखा गया है, ताकि ये पाकिस्तानी आतंकी इसी फर्जी नाम से अपने मंसूबों को अंजाम दे सके.

हाल में जम्‍मू-कश्‍मीर में हुए आतंकी हमले को देखें तो नया ट्रेड देखने को मिलता है. आतंकवादियों ने अब सुरक्षाबलों को निशाना न बनाते हुए आम नागरिकों व गैर मुस्लिमों को निशाना बनाया है. जांच एजेंसी के अधिकारियों ने बताया है कि हाल में जो भी आतंकवादी हमले हुए हैं उसे बिना प्रशिक्षण और बिना प्रोफेशनल हथियार के युवाओं ने अंजाम दिया है. आतंकी संगठन इसे आतंकवाद के बजाय स्थानीय विद्रोह दिखाना चाहते हैं.

आम नागरिकों की हत्‍या करने वाले आतंकवादियों की हुई पहचान
सुरक्षा एजेंसियों ने मंगलवार को उन आतंकवादियों की पहचान की जिनके बारे में उनका मानना है कि पिछले सप्ताह शहर में नागरिकों की हत्या के पीछे उनका हाथ था. अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी. अधिकारियों ने कहा कि यह समूह कश्मीरी पंडित दवा व्यवसायी माखन लाल बिंदरू, स्कूल की प्रधानाध्यापिका सुपिंदर कौर और शिक्षक दीपक चंद की हत्या में शामिल था. आतंकियों में उनका 25 वर्षीय सरगना बासित अहमद डार भी शामिल है, जो दक्षिण कश्मीर के कुलगाम का निवासी है.

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