Jharkhand: बरसों बाद पलामू टाइगर रिजर्व में दिखा बाघ, वन कर्मियों ने की टाइगर देखने की पुष्टि
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मेदिनीनगर (डालटनगंज). झारखंड के पलामू टाइगर रिजर्व (पीटीआर) के लिए अच्छी खबर है. यहां वर्षों बाद सोमवार की शाम एक युवा बाघ (Tiger) देखा गया है जिससे वनकर्मियों में खुशी की लहर दौड़ गयी है. पीटीआर (PTR) के क्षेत्रीय निदेशक कुमार आशुतोष ने मंगलवार को बताया कि सोमवार की शाम रिजर्व में एक युवा बाघ दिखाई दिया. उन्होंने कहा कि वन क्षेत्र अधिकारी तरुण कुमार सिंह के नेतृत्व में वनरक्षियों के दल ने इस बाघ को उस वक्त देखा जब वो सड़क पार कर रहा था. उन्होंने कहा कि पलामू टाइगर रिजर्व (Palamu Tiger Reserve) में वर्षों बाद बाघ दिखने से वन अधिकारी और कर्मचारी काफी उत्साहित हैं.
आशुतोष ने बताया कि मेदिनीनगर-महुआडांड़ मार्ग में बाघ को वन दल ने लगभग दस फुट की दूरी से देखा जो आराम से सड़क को पार कर एक जंगल से दूसरे जंगल में चला गया. बाघ को देखते ही वनकर्मियों ने अपनी गाड़ियों को बंद कर दिया और उसके जाने के मार्ग पर नजर रखी. वन्यकर्मियों का यह दल नियमित गश्त पर था. निदेशक ने बताया कि मंगलवार की सुबह से बाघ के मल-मूत्र व पदचिह्न को एकत्रित करने के लिए ट्रेंड वनरक्षियों को उसके आने-जाने के रास्ते पर तैनात कर दिया गया है.
उन्होंने बताया कि यह टाइगर रिजर्व देश में वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम (1972) के तहत उस समय से बाघों के संरक्षण एवं संवर्धन की दिशा में सक्रिय है जब देश में एक साथ नौ बाघ परियोजनाओं को क्रियान्वित किया गया था.
पलामू टाइगर रिजर्व में लंबे समय बाद कोई बाघ देखे जाने से रिजर्व के अधिकारी और वनकर्मी काफी उत्साहित हैं
वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने PTR में एक भी बाघ नहीं होने की कही थी बात
बता दें कि वर्ष 2018 में अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस के अवसर पर वन एवं पर्यावरण मंत्रालय द्वारा देश में मौजूद बाघों की संख्या में पलामू टाइगर रिजर्व में एक भी बाघ नहीं पाए जाने की बात कही गई थी. वहीं, झारखंड हाईकोर्ट ने हाल में एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा था कि जब पीटीआर में कोई बाघ है ही नहीं तो उसे बाघ अभयारण्य कहने का क्या अर्थ है?
पीटीआर कुल 1129.93 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है. इसके भीतर देश का एकमात्र ‘भेड़िया अभयारण्य’ भी है, जहां फिलहाल लगभग सौ भेड़िए हैं. यह रिजर्व महुआडांड़ प्रखंड के 63.256 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है. पीटीआर में कुल 174 प्रजातियों के पक्षी और 47 प्रजातियों के स्तनपायी जानवर पाए जाते हैं. इसके अंदर स्थित बेतला राष्ट्रीय उद्यान को कोरोना काल में बीते एक अक्टूबर से आम लोगों के लिए खोला गया है. (भाषा से इनपुट)
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