उत्तराखंड

J&K: 14 महीने पहले हुआ था जवान का अपहरण, अब पिता को बगीचे में मिला शव

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श्रीनगर. 14 महीने पहले भारतीय सेना (Indian Army) के एक जवान का संदिग्‍ध आतंकियों ने जम्‍मू कश्‍मीर (Jammu Kashmir) के शोपियां से अपहरण कर लिया था. इसके बाद से ही वह लापता है. इन 14 महीनों में उनके पिता ने उनकी काफी तलाश की. अब उनके पिता मंजूर अहमद वागे को बुधवार को फोन पर पता चला कि कुलगाम के एक बगीचे में एक शव मिला है और संभवत: यह उनके बेटे का हो सकता है.

शाकिर मंजूर शोपियां के बलपोरा में टेरिटोरियल आर्मी यूनिट में राइफलमैन के रूप में तैनात थे. 2 अगस्त, 2020 को घर पर ईद की दावत के बाद वह लापता हो गए थे. जिस कैंप में वह तैनात थे, वहां लौटते समय संदिग्ध आतंकवादियों ने उनका अपहरण कर लिया था. उसी रात उनका जला हुआ वाहन उसकन गांव से करीब 16 किलोमीटर दूर कुलगाम जिले के एक खेत से बरामद किया गया था.

लगभग सात दिन बाद शाकिर के कपड़े घर से 3 किमी दूर एक खाई में मिले थे. लेकिन बेटे के शरीर का कुछ सुराग न मिलने के कारण वागे ने अपने बेटे की तलाश शुरू कर दी थी.

बुधवार को वागे ने कुलगाम जिले के मोहम्मदपोरा इलाके में मिले शव की पहचान शाकिर के रूप में की. शव एक ट्रैकसूट और एक ताबीज के साथ बरामद किया गया था, जिसके बारे में परिवार का कहना है कि वह शाकिर का था. शाकिर के छोटे भाई शान ने कहा, ‘हमें यकीन है कि यह शाकिर है. कुछ साल पहले उनका एक्सीडेंट हो गया था और उनके पैर में टांके लगे थे. हालांकि शरीर सड़ चुका था, अस्पताल के डॉक्टरों ने शव का पैर साफ किया और हमने टांके देखे. पुलिस पहचान की पुष्टि करना चाहती है और शव को रात भर सेना की हिरासत में रखा गया है, लेकिन हम उसे कल दफना देंगे.’

शान अलीगढ़ में पढ़ रहा था. जब शाकिर लापता हो गया तो उसे कॉलेज छोड़ना पड़ा. क्‍योंकि परिवार ने अपना सबकुछ शाकिर को खोजने में लगा दिया था. डीजीपी जम्मू-कश्मीर पुलिस दिलबाग सिंह के अनुसार परिवार ने शव की पहचान शाकिर के रूप में की है, पुलिस ने प्रमाणीकरण के लिए डीएनए नमूने लिए हैं.

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