जेएनयू में पढ़ने वाले अफगानी छात्रों को वापस कैंपस में बुलाने की मांग, JNUSU ने कुलपति को लिखा पत्र
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नई दिल्ली. अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान (Taliban) के साथ संघर्ष और वहां जटिल होते जा रहे हालातों के बाद दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स यूनियन (JNUSU) ने विवि के कुलपति को पत्र लिखा है. जिसमें छात्रों ने जेएनयू में पढ़ने वाले करीब चार दर्जन अफगानी छात्रों को वापस यूनिवर्सिटी कैंपस में बुलाने के लिए वीसी से अनुमति देने की मांग की है.
जेएनयूएसयू के चारों पदाधिकारियों की ओर से भेजे गए इस पत्र में कहा गया है कि अफगानिस्तान में तालिबान अपना कब्जा बढ़ाता जा रहा है और वहां भीषण संघर्ष चल रहा है. अफगानिस्तान के बहुत सारे ऐसे छात्र हैं जो जेएनयू में बढ़ाई करते हैं लेकिन कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के कारण जेएनयू कैंपस बंद होने से वे सभी अपने देश लौट गए थे. अब वहां पैदा हुई इन स्थितियों के बाद उनमें से अधिकांश जेएनयू आना चाहते हैं और पढ़ाई जारी रखना चाहते हैं. इसलिए उन्हें आने की अनुमति दी जाए.
अफगानिस्तान के छात्रों को भारत आने के लिए छात्र वीजा (Student Visa) की जरूरत है जो कि जेएनयू वीसी की अनुमति से ही जारी होगा. ऐसे में इन कठिन हालातों में यूनिवर्सिटी अफगानिस्तान के अपने छात्रों की मदद करे और उन्हें तत्काल वीजा की अनुमति देकर उनकी मदद करे. इन अफगानी छात्रों में सिर्फ लड़के ही नहीं बल्कि बड़ी संख्या में लड़कियां भी हैं. अगर इन्हें समय से मदद नहीं मिली तो इन्हें अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ेगी.
न्यूज 18 हिंदी से बातचीत में जेएनयूएसयू के ज्वाइंट सेक्रेटरी मोहम्मद दानिश ने बताया कि जेएनयू में विदेशों से छात्र पढ़ाई करने आते हैं. इस बार भी जेएनयू में अफगानिस्तान के करीब 40-50 लड़के और लड़कियां जेएनयू में नामांकित हैं और कोरोना से पहले तक यहां कैंपस में रहकर पढ़ाई कर रहे थे लेकिन कोरोना की पहली लहर के कारण सभी को अपने-अपने घर लौटना पड़ा था और अभी तक वे वहीं हैं क्योंकि यहां कैंपस अभी खुला नहीं है.
दानिश ने बताया कि जेएनयू कैंपस में भारत के कई इलाकों से कुछ छात्र आए हैं हालांकि उन्हें भी आने की अनुमति नहीं थी और फाइन देना पड़ा है लेकिन विदेशों से आने वाले छात्रों के लिए छात्र वीजा की जरूरत पड़ती है जोकि विवि के वीसी ही दे सकते हैं. ऐसे में जेएनयूएसयू ने सभी छात्रों की तरफ से मांग की है कि उन छात्रों की मदद की जाए और उन्हें यहां आने देने के लिए वीजा की अनुमति मिले ताकि वे अपनी पढ़ाई जारी रख सकें.
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