उत्तराखंड

राइफलमैन से सूबेदार मेजर तक का सफर, संजय कुमार को वीरता के लिए मिल चुका है परमवीर चक्र

[ad_1]

पुणे. देश के सर्वोच्च वीरता सम्मान परमवीर चक्र ( Param Vir Chakra) से सम्मानित नेशनल डिफेंस एकेडमी (National Defence Academy-NDA) के प्रशिक्षक संजय कुमार ( Sanjay Kumar) को सेना के प्रति समर्पण और निष्ठा के लिए सूबेदार मेजर के पद पर पदोन्नत किया गया है. एनडीए ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि 8 फरवरी, 2022 को जूनियर कमीशंड अधिकारी संजय कुमार को सेवा के प्रति समर्पण के लिए एनडीए के कमांडेंट एयर मार्शल संजीव कपूर (AVSM, VM) ने सूबेदार मेजर के पद पर पदोन्नत किया है.

एनडीए के बयान में कहा गया कि एनडीए के लिए यह बहुत गर्व और सौभाग्य की बात है कि निस्वार्थ प्रतिबद्धता और बलिदान के लिए भारत के सर्वोच्च वीरता पुरस्कार परमवीर चक्र से सम्मानित जम्मू-कश्मीर राइफल्स की 13वीं बटालियन के सूबेदार मेजर संजय कुमार एक प्रशिक्षक और कैडेटों के लिए एक रोल मॉडल के रूप में एनडीए में तैनात हैं. वे भारतीय सशस्त्र बलों के प्रशिक्षण के भविष्य के नेतृत्व के लिए प्रेरणा का स्रोत और सच्चे सैन्य साहस और वीरता का एक जीवंत उदाहरण हैं.

गौरलतब है कि परमवीर चक्र से सम्मानित सूबेदार मेजर संजय कुमार ने जम्मू और कश्मीर राइफल्स की 13वीं बटालियन में एक युवा राइफलमैन के रूप में अपनी सेवा को शुरू किया था. 4 जुलाई, 1999 को ऑपरेशन विजय (Operation Vijay) के दौरान युवा कुमार के दल को मुशकोह घाटी (Mushkoh Valley) में प्वाइंट 4875 पर कब्जा करने का काम सौंपा गया. ऑटोमेटिक हथियारों की दुश्मनों की भारी गोलाबारी से भारतीय सेना की टुकड़ी का हमला रुकने लगा तो राइफलमैन कुमार ने हालात की गंभीरता को भांपते हुए अपनी सुरक्षा की परवाह न करते हुए दुश्मन पर सीधा हमला बोल दिया.

इसके बाद आमने-सामने की लड़ाई में संजय कुमार ने तीन घुसपैठियों को मार गिराया और झड़प में गंभीर रूप से घायल हो गए. अपनी चोटों के बावजूद उन्होंने दुश्मन की दूसरी पोजीशन पर भी हमला किया. इससे पूरी तरह से आश्चर्यचकित होकर दुश्मन ने एक यूनिवर्सल मशीन गन (UMG) को पीछे छोड़ दिया और भागना शुरू कर दिया.

यूएमजी से की थी बड़ी कार्रवाई

कुमार ने यूएमजी को उठाया और भागते हुए दुश्मन को मार गिराया. हालांकि, उनका काफी खून बह रहा था, लेकिन उन्होंने लड़ाई से बाहर निकलने से इनकार कर दिया. उनकी बहादुरी भरी कार्रवाई ने उनके साथियों को हौसला दिया. इसके बाद उन्होंने दुर्गम इलाके की परवाह किए बगैर दुश्मन पर हमला किया और दुश्मन से प्वाइंट 4875 इलाका छीन लिया.

[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *