कांवड़ यात्रियों को करना पड़ेगा फिर एक साल इंतजार, इस बार भी कांवड़ यात्रा कैंसिल
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सरकार के प्रवक्ता सुबोध उनियाल का कहना है कि कोरोना की तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए यह फैसला किया गया है. उन्होंने कहा की कावड़ में हर साल करीब एक करोड़ श्रद्धालु आते हैं, ऐसे में कोरोना का खतरा बरकरार है. इसलिए सरकार ने कावड़ यात्रा कैंसिल करने का फैसला किया है.
12 साल में होने वाला हरिद्वार का कुंभ भी इस बार कोरोना की वजह से फीका रहा. पहले कुंभ में कोरोना के डर से कारोबार का नुकसान हुआ, वहीं अब कांवड़ कैंसिल होने का असर हरिद्वार-ऋषिकेश में बिजनेस करने वालों पर पड़ेगा. सरकारी प्रवक्ता सुबोध उनियाल का कहना है कि जिंदगी रहेगी तो बिजनेस भी होगा. हजारों लोगों की जान को खतरे में नहीं डाला जा सकता.
उत्तराखंड में अब भी दूसरे राज्य से आने पर rt-pcr रिपोर्ट दिखाना जरूरी है, ताकि कोविड के केस न बढ़ें. इसी को देखते हुए सावन में होने वाली कांवड़ यात्रा को कैंसिल किया गया है और शिव भक्तों को फिर एक साल कांवड़ यात्रा के लिए इंतजार करना होगा.
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