उत्तराखंड

उत्तर प्रदेश: चुनाव से पहले वाराणसी में तैयार हो जाएगा काशी विश्वनाथ प्रोजेक्ट

[ad_1]

वाराणसी.  अयोध्या में राम मंदिर साल 2023 के आखिर तक तैयार हो सकता है. लेकिन इस बीच अच्छी खबर ये है कि वाराणसी में काशी विश्वनाथ धाम प्रोजेक्ट (Kashi Vishwanath Dham ) का काम इस साल नवंबर तक पूरा हो जाएगा. कहा जा रहा है कि ये प्रोजेक्ट पीएम मोदी के दिल के बेहद करीब है. इसका भव्य उद्घाटन पीएम नरेंद्र द्वारा साल 2022 के उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले किया जा सकता है.

पीएम मोदी ने मार्च 2018 में अपने संसदीय क्षेत्र में 400 करोड़ रुपये की परियोजना का शुभारंभ किया था. इसे भगवान शिव के प्राचीन काशी विश्वनाथ मंदिर के आसपास बनाया जा रहा है. इस प्रोजेक्ट का मकसद है मौजूदा विरासत संरचनाओं को संरक्षित करना. पीपीपी मॉडल के तहत बनाए जा रहे इस प्रोजेक्ट का मकसद है मंदिर परिसर में नई सुविधाएं प्रदान करना, मंदिर के आसपास के लोगों के आवागमन और आवाजाही को आसान बनाना और सीधे कॉरिडोर के जरिए मंदिर को मणिकर्ण गंगा घाट से जोड़ना. गृह मंत्री अमित शाह ने 1 अगस्त को वाराणसी का दौरा करते हुए परियोजना की समीक्षा की थी. जबकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को वाराणसी दौरे पर इस प्रोजेक्ट का जायजा लिया था.

श्री काशी विश्वनाथ विशिष्ट क्षेत्र विकास परिषद बोर्ड ने गुरुवार को परिचालन योजना को संभालने के लिए एक निजी सलाहकार की नियुक्ति के लिए नीलामी के लिए बोलियां आमंत्रित की हैं. News18 द्वारा समीक्षा की गई बोली दस्तावेज में कहा गया है, ‘परियोजना पहले से ही पूरा होने के एक अग्रिम चरण में है और उम्मीद है कि नवंबर 2021 के अंत तक अधिकांश निर्मित बुनियादी ढांचे का पूरी तरह से निर्माण कर दिया जाएगा. इसलिए बोर्ड प्रभावी परिचालन योजना, कार्यान्वयन में सहायता और निगरानी के लिए एक सलाहकार नियुक्त करना चाहता है.’
इस परियोजना में तीर्थयात्रियों के लिए यात्री सुविधा केंद्र, गेस्टहाउस, धर्मशाला, पुस्तकालय और संग्रहालय जैसी कई सुविधाओं का निर्माण शामिल है. ये परियोजना सार्वजनिक शौचालयों पर भी ध्यान देती है और तीर्थयात्रियों के भीड़भाड़ वाले स्थानों, व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की योजना, सुरक्षा कर्मियों के लिए अलग भवन और मंदिर क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए वाहनों और एम्बुलेंस के लिए एक विस्तृत योजना शामिल है.

News18 द्वारा समीक्षा किए गए दस्तावेज़ के अनुसार, परिसर में बनाई जा रही अलग-अलग सुविधाओं में गंगा-व्यू कैफे, तीन मंजिलों पर एम्पोरियम स्पेस से घिरा एक मंदिर चौक, फूड कोर्ट, दुकानें, आध्यात्मिक किताबों की दुकान, एक वीआईपी गेस्ट हाउस शामिल हैं, भवन, वैदिक केंद्र, भोग शाला, एक पर्यटक सुविधा केंद्र, तीन यात्री सुविधा केंद्र, शौचालय ब्लॉक, एक आध्यात्मिक किताबों की दुकान और दो संग्रहालय, सिटी संग्रहालय और वाराणसी गैलरी. बोली दस्तावेज में कहा गया है, “उपरोक्त सूचीबद्ध प्रत्येक सुविधा निजी क्षेत्र से पूरे या आंशिक रूप से उपयुक्त भागीदार की नियुक्ति के माध्यम से परिषद द्वारा संचालित की जाएगी.’

कंसलटेंट को नए विचारों और समाधानों की पहचान करने के लिए कहा जाएगा जो तीर्थयात्रियों के अनुभव को बेहतर बना सकते हैं और परिचालन क्षेत्र के लिए सर्वोत्तम संभव उपयोग सुनिश्चित कर सकते हैं. इसमें कम से कम प्रतीक्षा, यात्रा और पैदल चलने का समय और आरामदायक होल्डिंग जोन, साथ ही भीड़ प्रबंधन और आपातकालीन परिचालन प्रक्रियाओं और धार्मिक अनुष्ठानों के आसपास बेहतर अनुभव सुनिश्चित करने वाले तीर्थयात्रियों के लिए पैदल यात्री आंदोलन योजना शामिल होगी.

ये भी पढ़ें:- ट्विटर ने कांग्रेस के 23 नेताओं के अकाउंट को सस्पेंड किया, पार्टी के 7 हैंडल पर भी एक्शन

सलाहकार विशेष रूप से महाशिवरात्रि उत्सव और श्रवण मेला जैसे भीड़ भाड़ वाले दिनों में अच्छी सुविधा पर ध्यान केंद्रित करेंगे. सलाहकार नागरिक समाज संगठनों कॉरपोरेट्स, दाताओं, दूरसंचार कंपनियों और शैक्षिक और अनुसंधान संस्थानों के साथ साझेदारी के माध्यम से मूल्य प्रस्ताव भी विकसित करेगा.’

पढ़ें Hindi News ऑनलाइन और देखें Live TV News18 हिंदी की वेबसाइट पर. जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश, बॉलीवुड, खेल जगत, बिज़नेस से जुड़ी News in Hindi.

[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *