उत्तराखंड

Kerala: पड़ोसी ने 73 साल की महिला को पॉक्‍सो एक्‍ट में फंसाया, 43 दिन जेल में काटने पड़े

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कोल्लम. पड़ोसी महिला से बदला लेने के लिए एक शख्‍स ने उस कानून का सहारा लिया, जिसकी कोई कल्‍पना भी नहीं कर सकता था. पड़ोसी ने 73 वर्षीय महिला पर यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण करने संबंधी अधिनियम POCSO एक्‍ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया, जिसके कारण महिला को 45 दिन जेल में काटने पड़े. महिला ने जमानत पर छूटने के बाद अब मुख्‍यमंत्री पिनाराई विजयन से इस पूरे मामले की जांच करने की मांग की है.

जानकारी के मुताबिक पुलिस ने 14 साल के लड़के की शिकायत पर पॉक्‍सो एक्‍ट के तहत महिला के ख‍िलाफ मामला दर्ज किया है. महिला 45 दिन जेल में रहने के बाद अब जमानत पर छूट गई है लेकिन उसने अब मुख्‍यमंत्री से शिकायत करते हुए जांच की मांग की है. महिला ने इस पूरे मामले में अनुसूचित जाति की एक महिला के खिलाफ झूठा मामला बनाए जाने की शिकायत की है.

कुलथुपुझा की मूल निवासी श्रीमति ने बताया कि करीब तीन महीने पहले, मैंने आबकारी अधिकारियों को अपने पड़ोसी के फार्महाउस पर अवैध रूप से अरक बनाने की सूचना दी थी. इसके बाद आबकारी विभाग के अधिकारियों ने फार्म हाउस पर छापा मारा. कुछ दिनों के बाद, मेरे खिलाफ एक झूठा पॉक्सो मामला दर्ज किया गया था, जिसमें शिकायत की गई थी कि मैंने पड़ोसी के बेटे का यौन शोषण किया था. श्रीमति, कुलथुपुझा में अपने घर में अकेली रहती है. श्रीमति ने कहा कि वह पड़ोस में रहने वाले बच्‍चे को अच्‍छी तरह से जानती हैं.

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महिला ने बताया गिरफ्तारी के बाद भी उसे मामले की कोई जानकारी नहीं थी. वह उम्मीद कर रही थी कि उसका बेटा पुलिस के पास जाएगा और उसे जमानत दिलाएगा. महिला ने बताया कि मेरे ऊपर लगे आरोप के बाद से बेटे ने मेरा साथ यह कहते हुए छोड़ दिया कि उनका यह कृत्य बेहद शर्मनाक है. वह अब मुझसे बात नहीं कर रहा है. वह सोचता है कि मैंने गलती की है, लेकिन मेरी दोनों बेटियां मेरा साथ दे रही हैं. मैं निर्दोष हूं. इस उम्र में मुझे जो पीड़ा हो रही है वह असहनीय है.

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महिला ने बताया जब मैं टीकाकरण के बाद घर लौटी तो मुझे हिरासत में ले लिया गया. पुलिस मुझे यह कहकर थाने ले गई कि कुछ औपचारिकताएं पूरी करने के बाद वे मुझे छोड़ देंगे. बाद में उसी दिन, मुझे अदालत में पेश किया गया और हिरासत में भेज दिया गया. श्रीमती ने कहा कि इन प्रक्रियाओं के बीच उन्हें मामले के बारे में कुछ नहीं बताया गया. काफी प्रयास के बाद कुलथुपुझा स्टेशन के अधिकारियों ने कहा कि पुलिस मामले पर टिप्पणी नहीं कर सकती क्योंकि मामला विचाराधीन है.

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