उत्तराखंड

अगले महीने शुरू हो सकता है बच्चों का कोविड टीकाकरण, जल्दी जारी होंगी दिशा निर्देश- रिपोर्ट

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नई दिल्ली. भारत (Indian) में कोविड-19 (Covid-19) के खिलाफ बच्चों की टीकाकरण की प्रक्रिया को लेकर जल्द बड़ी खबर आ सकती है. खबर है कि जानकारों की एक सरकारी पैनल ऐसी कोमॉर्बिडिटी या बीमारियों की सूची तैयार कर रही है, जिसके तहत बच्चों को वैक्सीन की पात्रता दी जाएगी. कहा जा रहा है कि बच्चों को वैक्सीन की पात्रता हासिल करने में बीमारी ज्यादा बड़ी भूमिका निभाएगी. जबकि, वयस्कों के टीकाकरण के शुरुआती दौर में सबसे बड़ा मानदंड उम्र था.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, जानकारों ने बताया है कि कोविड के खिलाफ टीका हासिल करने के लिए पीडियाट्रिशियन की मंजूरी की भी जरूरत पड़ सकती है. रिपोर्ट में एक सरकारी अधिकारी के हवाले बताया गया है, ‘क्षेत्र के कई शीर्ष विशेषज्ञों से सलाह ली गई है कि कैसे बच्चों में बेहतर तरीके से टीकाकरण की शुरुआत की जा सकती है. बच्चों से जुड़ा होने के कारण संबंधित लोग इस पर विस्तार से विचार कर रहे हैं.’ अधिकारी ने जानकारी दी, ‘तय बीमारियों की सूची को लेकर दिशा निर्देश और प्रक्रिया संबंधित दूसरी मंजूरियां जल्द ही सामने आएंगी.’

रिपोर्ट के अनुसार, बच्चों के लिए टीकाकरण की प्रक्रिया अगले महीने से चरणबद्ध तरीके से शुरू की जा सकती है. इसकी शुरुआत 12 साल या इससे ज्यादा उम्र के बच्चों को वैक्सीन देने से हो सकती है. साथ ही इसमें वे बच्चे भी शामिल हो सकते हैं, जिन्हें कोविड-19 का खतरा ज्यादा है. जायडस हेल्थकेयर की वैक्सीन ZyCoV-D की इस 12+ आयुवर्ग में जांच की जा चुकी है. इस वैक्सीन ने पिछले महीने EUA हासिल कर लिया है.

सरकारी अधिकारी ने बताया, ‘बीमारियों की सूची वयस्कों की तरह ही तय की जाएगी. वयस्कों में उम्र सबसे बड़ा मानदंड था. जबकि, बच्चों के मामले में पात्रता के लिए बीमारी निर्णायक भूमिका निभा सकती है. तय बीमारी को लेकर सर्टिफाइड डॉक्टर से मंजूरी हासिल करनी पड़ी सकती है. गाइडलाइंस इन बातों को साफ कर देंगी.’

संभावना जताई जा रही है कि कैंसर के प्रकार, कंजेनिटल हार्ट डिसीज, क्रोनिक लिवर और किडनी की बीमारियां और फेफड़ों से जुड़ी बीमारियां शामिल हो सकती हैं. अंग प्रत्यारोपम करा चुके बच्चों को भी प्राथमिकता दी जाएगी.

सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड्स कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन ने दो सप्ताह पहले ही बच्चों में कोवैक्सीन के इस्तेमाल की सिफारिश कर दी है. हालांकि, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने जानकारी दी है कि राष्ट्रीय दवा नियामक कोवैक्सीन को मंजूरी देने से पहले डेटा का आकलन जारी रखे हुए हैं. उन्होंने साफ कर दिया है, ‘यह संवेदनशील मामला है क्योंकि यह बच्चों से संबंधित है. इसलिए सरकार इस पर साफ है और इस तकनीकी मुद्दे पर फैसला लेने की प्रक्रिया में दखल नहीं देने का फैसला किया है. इसे तकनीकी जानकारों को संभालने दें.’

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