उत्तराखंड

शराब कंपनियों के संगठन का CM नीतीश कुमार से आग्रह, बिहार में खत्म करें शराबबंदी

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पटना. भारतीय मादक पेय कंपनियों के परिसंघ (सीआईएबीसी) ने बिहार सरकार (Bihar Government) से राज्य में शराबबंदी समाप्त करने का आग्रह किया है. परिसंघ ने रविवार को जारी बयान में कहा कि भारतीय मादक पेय कंपनियों के परिसंघ (संगठन) ने बिहार (Bihar) में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार से राज्य में शराबबंदी (Liquor Ban In Bihar) समाप्त करने पर फिर से विचार करने का आग्रह किया है. साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को शराबबंदी के बिना महिलाओं की मदद करने के उनके घोषणा किए गए लक्ष्यों को सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाने के सुझाव दिये गए हैं.

एनडीए गठबंधन के घटक दलों- जनता दल युनाइटेड (जेडीयू), बीजेपी, हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के नेताओं को लिखे अपने पत्र में सीआईएबीसी ने कहा है कि बिहार शराबबंदी नीति की भारी कीमत चुका रहा है. राज्य में अवैध और नकली शराब बिक रही है, इस अवैध धंधे में शामिल अपराध गिरोह का उभार हुआ है और सरकार को भारी राजस्व का नुकसान हो रहा है.

परिसंघ ने कहा कि ऐसे में बिहार का विकास और प्रगति प्रभावित हुई है, क्योंकि राज्य को वैध शराब व्यापार बंद होने से राजस्व का नुकसान हो रहा है, जो प्रति वर्ष लगभग 10,000 करोड़ रुपये है.

सीआईएबीसी का यह पत्र पिछले दिनों बिहार में हुई जहरीली शराब कांड के मद्देनजर आया है, जिसमें चार जिलों में 40 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी.

बता दें कि अप्रैल 2016 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा बिहार में शराबबंदी कानून लागू किया गया था. इस पर प्रतिबंध लगाने के बाद से, विभिन्न शराब त्रासदियों में लगभग 150 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. प्रदेश में शराबबंदी कानून वापस लेने को लेकर लगातार उठती मांग के बाद सीएम नीतीश कुमार ने इसकी समीक्षा को लेकर 16 नवंबर को उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है. (भाषा से इनपुट)

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