Manipur Ambush: मणिपुर हमले में चीनी दखल की आशंका, जानकारों ने LAC के हालात पर जताई चिंता
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नई दिल्ली. मणिपुर में शनिवार को हुए विद्रोही हमले के बाद एक बार फिर उत्तर-पूर्व भारत (Northeast India) में चीनी दखल की आशंका जताई जा रही है. जानकारों का कहना है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर जारी तनाव के बीच चीन (China) उत्तर-पूर्व में विद्रोहियों का समर्थन कर परेशानी खड़ी कर सकता है. शनिवार को असम राइफल्स के काफिले पर घात लगाकर हमला किया गया था, जिसमें कर्नल विप्लब त्रिपाठी, उनकी पत्नी, 8 साल के बेटे और पांच सैनिकों की मौत हो गई थी. हमले की जिम्मेदारी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) और मणिपुर नगा पीपुल्स फ्रंट (MNPF) ने संयुक्त रूप से ली थी.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट में एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले बताया गया है, ‘उत्तर-पूर्व में चीन की तरफ से विद्रोह को बढ़ावा मिलने की संभावनाएं हैं. मणिपुर समेत उत्तर-पूर्व के विद्रोही समूहों के म्यांमार में अराकन आर्मी और यूनाइटेड वा स्टेट आर्मी जैसे गुटों से संपर्क हैं. इन्हीं रास्तों से होते हुए चीनी हथियार उत्तर-पूर्व तक पहुंचते हैं.’ हालांकि, यह पहली बार नहीं है, जब विद्रोही संगठनों के तार चीन से जुड़े हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, अक्टूबर 2020 में भी बीजिंग के दखल की बात सामने आई थी. चीन के प्रोपेगैंडा तंत्र ने ताइवान के साथ कारोबारी समझौते को लेकर भारत के लिए चेतावनी जारी की थी. कहा गया था कि बीजिंग उत्तर-भारत में विद्रोहियों का समर्थन कर सिक्किम को भारत के हिस्से के तौर पर मान्यता देना बंद कर जवाब दे सकता है. इसके अलावा एक अन्य अधिकारी ने बताया कि चीन यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम के कमांडर परेश बरुआ और नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड (IM) के फुंटिंग शिमरांग को पनाह दे चुका है. वे म्यांमार सीमा के पास यूनान प्रांत के रुइली में रहते हैं.
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2017 में रिटायर हो चुके लेफ्टिनेंट जनरल कोनसाम हिमालय सिंह का कहना है कि LAC की स्थिति को देखते हुए इस बात की संभावना है कि चीन उत्तर-पूर्व में युद्ध के दूसरे तरीकों से भारत पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है. एक अन्य पूर्व अधिकारी ने कहा कि चीन ने भले ही पहले दखल न दिया हो, लेकिन LAC पर चल रहे तनाव के बीच चीजें बदल सकती हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, 2017-18 में असम राइफल्स की कमान संभालने वाले लेफ्टिनेंट जनरल शौकीन चौहान (रिटायर्ड) ने कहा कि चीन ने LAC की स्थिति के बीच शायद PLA मणिपुर और समान विचारधारा वाले दूसरे समूहों से संपर्क दोबारा स्थापित किए हैं. उन्होंने कहा, ‘यह उत्तर-पूर्व में अशांति और सुरक्षाबलों को रोकने के लिए किया गया होगा.’ उत्तर-पूर्व भारत में सुरक्षा की जानकारी रखने वाले अधिकारी ने बताया, ‘विद्रोही समूहों की पहुंच चीनी हथियारों तक है और कुछ स्वघोषित कमांडर चीन में रह रहे हैं, लेकिन चीनी समर्थन के आकार प्रकार कितना है, इसे लेकर सटीक जानकारी स्थापित नहीं हो सकी है.’
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